No Confidence Motion: अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में बुधवार (9 अगस्त) को चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर हिंसा को लेकर बयान देते हुए बताया कि राज्य में अनुच्छेद 356 यानी राष्ट्रपति शासन क्यों नहीं लगाया गया. 


अमित शाह ने कहा, ''मणिपुर में 3 मई को हिंसा शुरू हुई. पीएम मोदी ने चार बजे फोन भी किया. मुझे सुबह 6.30 बजे भी जगाया. ये कहते हैं कि पीएम मोदी ध्यान नहीं रखते. हमने तीन दिन तक (3 से 5 मई) लगातार यहां से काम किया. 16 वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की. हमने 36 हजार सीपीएफ के लोग भेजे. वायु सेना के विमान का इस्तेमाल किया.''


अमित शाह ने क्या कहा?
शाह ने आगे कहा, ''चीफ सेक्रेटरी और डीजीपी बदला. सिक्योरिटी एडवाइजर भेज दिया. चीफ सेक्रेटरी, डीजीपी और  सुरक्षा सलाहाकार भारत सरकार ने भेजा. ये सब 4 मई को समाप्त हो गया. ये लोग कहते हैं कि 356 क्यों नहीं लगाया. ये 356 तब लगाया जाता है जब राज्य सरकार सहयोग नहीं करती. भारत सरकार के भेजे गए चीफ सेक्रेटरी, डीजीपी और सुरक्षा सलाहाकार को राज्य सरकार ने स्वीकार किया.''


इस दौरान विपक्षी की ओर से कहा गया कि सीएम क्यों नहीं बदला तो शाह ने कहा, '' मैं ये ही कह रहा हूं कि सीएम जब बदलना पड़ता है जब मुख्यमंत्री सहयोग ना करें, लेकिन उन्होंने किया.''


मणिपुर हिंसा पर क्या कहा?
अमित शाह ने विपक्षी दलों पर हमला करते हुए कहा, ''मैं विपक्ष की इस बात से सहमत हूं कि वहां हिंसा का तांडव हो रहा है. इस हिंसा का कोई भी समर्थन नहीं कर सकता क्योंकि ये शर्मनाक है, लेकिन इस पर राजनीति करना इससे भी ज्यादा शर्मनाक है.''


बता दें कि मणिपुर में मई की शुरुआत में कुकी और मैइती समुदायों के बीच हिंसा शुरू हुई थी, जिसमें अब तक 150 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.


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