नई दिल्ली: अविश्वास प्रस्ताव पर राजनीतिक घमासान जारी है. आज अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा और वोटिंग के लिए लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी दलों ने हंगामा शुरू कर दिया. कांग्रेस को कम समय मिलने से आपत्ति थी. हालांकि लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के हस्तक्षेप के बाद कांग्रेस नेता शांत हुए. वहीं नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल (बीजेडी) ने उड़ीसा को नजरअंदाज किये जाने का आरोप लगाते हुए सदन से वॉक आउट किया. बीजेडी अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा और में भाग नहीं लेगी.






केंद्रपड़ा से सांसद बैजयंत जय पांडा के इस्तीफे के बाद लोकसभा में बीजेडी के 19 सांसद हैं, जो सदन से वॉकआउट कर गए. बीजेडी के नेता भर्तुहरी महताब ने कहा कि पिछले 14 सालों में ओडिशा के साथ अन्याय हुआ है और केंद्र में बीजेपी सरकार राज्य के हितों की रक्षा करने में विफल रही है.

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महताब ने कहा, "पिछले 14 वर्षों में बीजेडी ने देखा है कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) ने 10 वर्षों तक और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने चार वर्षों से ओडिशा के साथ अन्याय किया है और इस चर्चा से ओडिशा को मदद नहीं मिलने जा रही. इसलिए हम इसमें हिस्सा नहीं लेने जा रहे."

कल ही बीजेडी ने अपने सभी सांसदों को व्हिप जारी कर लोकसभा में मौजूद रहने के लिए कहा था. अब बीजेडी ने वोटिंग के दौरान सदन में अनुपस्थित रहने का फैसला किया है. आपको बता दें की मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने वाली टीडीपी ने बीजेडी से समर्थन की अपील की थी.

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अविश्वास प्रस्ताव को कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), समाजवादी पार्टी (सपा) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्‍सवादी (माकपा) का समर्थन प्राप्त है.

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