No Confidence Motion: विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस’ (INDIA) के अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में मंगलवार (8 अगस्त) को चर्चा हुई. इस दौरान लोकसभा में कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मणिपुर मामले में सदन के भीतर बयान देने को लेकर लाया गया है. वहीं सरकार ने कहा कि विपक्षी दलों को अविश्वास प्रस्ताव लाने पर पछतावा होगा. डिबेट के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष ने एक-दूसरे पर जमकर हमला किया. दरअसल संसद के मानसून सत्र के पहले दिन से विपक्षी दल मांग कर रहे हैं कि पीएम मोदी सदन में मणिपुर हिंसा को लेकर बयान दें तो वहीं सरकार कह रही है कि विपक्ष ही चर्चा से भाग रहा है. बड़ी बातें-
1. अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने की. गोगोई ने बताया कि अविश्वास प्रस्ताव लाना जरूरत हो गई थी, क्योंकि पीएम मोदी मणिपुर नहीं बोल रहे हैं. गोगोई ने तीन सवाल किए. उन्होंने पूछा कि वो (पीएम मोदी) मणिपुर अभी तक क्यों नहीं गए? उन्हें मणिपुर पर बोलने के लिए 80 दिन क्यों लगे? वो बोले भी तो सिर्फ 30 सेकंड के लिए बोले. राज्य के सीएम को क्यों नहीं हटाया गया?
2. इसके बाद बीजेपी की तरफ से सांसद निशिकांत दुबे ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लिया. इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. निशिकांत दुबे ने सोनिया गांधी का जिक्र करते हुए कहा, ''उनका बहुत सम्मान करता हूं. सोनिया गांधी एक भारतीय नारी की तरह काम कर रही हैं. उनके दो काम हैं- बेटे को सेट करना है और दामाद को भेंट करना है.'' इस बयान के बाद सदन में जमकर हंगामा हुआ. उन्होंने आगे कहा कि सदन में राहुल गांधी क्यों नहीं बोले.
3. केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता किरेन रिजिजू ने विपक्षी दलों पर पलटवार करते हुए कहा कि 2014 से पहले पूर्वोत्तर के कई लोगों को दिल्ली और देश के अन्य प्रमुख शहरों में नस्लीय भेदभाव और अत्याचार का सामना करना पड़ा था. साल 2014 के बाद हालात बदले और आजादी के बाद पहली बार गुवाहाटी में डीजीपी कॉन्फ्रेंस हुई. उन्होंने कहा, ''2014 से पहले हम गला फाड़ फाड़कर मांग करते थे कि आप कुछ पूर्वोत्तर पर भी ध्यान रखिए. समय निकालकर पूर्वोत्तर की तरफ देखिए. उस समय के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह खुद राज्यसभा के सदस्य असम से दो बार चुने गए, तब भी विकास नहीं किया. एक दो बार कार्यक्रम के लिए गए होंगे, लेकिन नॉर्थ ईस्ट के सांसद और मुख्यमंत्री से लेकिन चर्चा नहीं की. आज आप मणिपुर की बात कर रहे हैं. काश आप लोग 2014 के पहले की परिस्थिति को याद करते तो आपको नॉर्थ ईस्ट का नाम जुबान पर लेने के लिए भी सोचना पड़ता, लेकिन आप लोग भूतकाल में नहीं जाना चाहते हैं और गुमराह कर रहे हैं.''
4. ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की बीजू जनता दल (BJD) ने विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव का विरोध किया. उन्होंने कहा, ''बीजेपी राजनीतिक रूप से हमारी विरोधी पार्टी है, लेकिन केंद्र सरकार ने ओडिशा के लिए काफी कुछ किया. इसके लिए हम आभारी हैं. इस कारण किसी भी स्थिति में कांग्रेस पार्टी के लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करने में हम असमर्थ हैं.''
5. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसद सौगत राय ने अविश्नास प्रस्ताव पर बोलते हुए मणिपुर को लेकर केंद्र सरकार पर हमला किया. उन्होंने कहा, ''यह सरकार निर्दयी लोगों की सरकार है. वे पश्चिम बंगाल में प्रतिनिधिमंडल भेज रहे हैं, लेकिन एक भी प्रतिनिधिमंडल मणिपुर नहीं गया, जहां हमारे भाई-बहन मर रहे हैं. आपको कोई दया नहीं है और यही कारण है कि आप अन्य दलों की तरह मणिपुर नहीं गए.''
6. कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव मणिपुर के मामले को केंद्रीय करते हुए लाया गया है. उन्होंने कहा, ''सरहद के राज्यों को भारत के साथ मजबूत तरीके से जोड़ने के लिए संविधान में विशेष प्रावधान किए गए थे. धारा 371 सी मणिपुर के लिया था. मणिपुर के एक तरफ म्यामांर लगता है और दूसरी तरफ नगालैंड, असम और मिजोरम लगता है. ऐसे में जब भी उत्तर पूर्व के राज्य में उथल-पुथल होती है तो इसका असर पूरे उत्तर पूर्व पर पड़ता है. ये ही कारण है कि मिजोरम में बोला गया कि मणिपुर के मूल नागरिक यहां से निकल जाए.''
7. अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान उद्धव गुट की शिवसेना और शिंदे सेना में बहस हो गई. केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने कहा, ''मैंने शिवसेना यूबीटी के सांसद अरविंद सावंत का बयान सुना. ऐसा लगा कि दिल्ली में नहीं महाराष्ट्र की विधानसभा में बैठा हूं. उद्धव गुट की शिवसेना के बारे में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे बोल चुके हैं. उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना को शरद पवार के साथ जाने पर हिंदुत्व याद नहीं आया." इस दौरान हंगामा होने लगा तो राणे ने कहा कि अरे नीचे बैठ जा.
8. समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने सरकार को अहंकार में डूबा हुआ बताया. उन्होंने कहा, ''हिंसा को अंजाम देने के लिए महिलाओं को साधन के रूप में इस्तेमाल करना संवैधानिक लोकतंत्र में अस्वीकार्य है. यह एक राज्य-प्रायोजित जातीय हिंसा थी. विजुअल सोशल मीडिया के माध्यम से नहीं आते तो किसी को भी पता नहीं चलता. महिलाओं से बदसलूकी का कौन जिम्मेदार है. ये कोई एक मामला नहीं है. ऐसे में बीजेपी की राजनीतिक और नैतिक जिम्मेदारी है कि इसे वो रोके. ये जिम्मेदारी सीएम एन बीरेन सिंह की भी बनती है. मणिपुर बॉर्डर स्टेट है. ऐसे में हमारी पूरी आर्मी यहां तैनात रहती है. सरकार चाहती तो दो दिन में हिंसा को संभाला जा सकता था.''
9. न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि पीएम मोदी ने मंगलवार को कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ खुद अविश्वास से भरा हुआ है, इसलिए अपने घटक दलों के विश्वास को परखने के लिए वह उनके नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया है. उन्होंने ये बात बीजेपी के संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए कही.
10. अविश्वास प्रस्ताव पर सदन में सरकार की ओर से बुधवार (9 अगस्त) को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बोलेंगे. वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी गुरुवार को चर्चा में भाग ले सकते हैं. इसके बाद पीएम मोदी चर्चा का जवाब देंगे.
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