No Confidence Motion Debate: लोकसभा में विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा चल रही है. आज तीसरे दिन गुरुवार (10 अगस्त) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विपक्ष के वार पर पलटवार करेंगे. पीएम मोदी 3 से 4 बजे के बीच सदन में अपनी बात रख सकते हैं.
1- पिछले दो दिनों में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान मणिपुर के मुद्दे पर पक्ष और विपक्ष में तीखी बहस देखने को मिली है. विपक्ष ने बीजेपी पर मणिपुर में गहरा विभाजन करने का आरोप लगाते हुए हमला बोला है. पीएम मोदी विपक्ष के इन आरोपों पर गुरुवार को पलटवार कर सकते हैं.
2- इसके पहले बुधवार को चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने पीएम मोदी के मणिपुर न जाने को लेकर सवाल उठाया था. राहुल ने कहा था, प्रधानमंत्री मणिपुर नहीं गए, क्योंकि वे इसे भारत का हिस्सा नहीं मानते. आपने (बीजेपी) मणिपुर को विभाजित कर दिया है.
3- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस बात की पुष्टि की है कि प्रधानमंत्री मोदी गुरुवार को सदन में उपस्थित रहेंगे. विपक्ष लगातार पीएम मोदी से मणिपुर के मुद्दे पर सदन में बयान की मांग कर रहा है.
4- बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब दिया था. अमित शाह ने मणिपुर में शांति लाने के सरकार के प्रयासों की जानकारी दी थी. शाह ने आरोप लगाया कि अविश्वास प्रस्ताव 'लोगों को गुमराह करने' के लिए लाया गया है.
5- लोकसभा में इस समय 538 सदस्य हैं. विश्वास मत जीतने के लिए सरकार को 270 वोटों की जरूरत होगी. फिलहाल, एनडीए के सदस्यों की संख्या 331 है. बीजेपी के पास अकेले 301 सांसद हैं.
6- विपक्षी गठबंधन इंडिया में शामिल दलों के पास 144 सांसद हैं. अगर विपक्ष को केसीआर की भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) का समर्थन मिलता है तो उसके वोटों की संख्या 153 तक पहुंच जाएगी. हालांकि, यह संख्या काफी नहीं होगी.
7- विपक्षी दल मानसून सत्र की शुरुआत से ही मणिपुर के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सदन के अंदर बयान की मांग कर रहा है, लेकिन सत्ता पक्ष ने इस बात पर सहमति नहीं जताई. इसके बाद विपक्ष ने लोकसभा में प्रस्ताव पेश किया. विपक्ष का कहना है कि प्रस्ताव के बाद पीएम बयान देने के लिए मजबूर होंगे और ये उसकी नैतिक जीत होगी.
8- इस अविश्वास प्रस्ताव को 2024 के चुनाव के पहले काफी अहम माना जा रहा है. इस दौरान हुई चर्चा से ही अगले लोकसभा चुनाव का एजेंडा निकलने की उम्मीद जताई जा रही है. गुरुवार को पीएम मोदी के भाषण पर सभी की नजर रहेगी. उनके बयान से 2024 का रोडमैप निकल सकता है.
9- नौ साल के कार्यकाल में मोदी सरकार के खिलाफ ये दूसरा अविश्वास प्रस्ताव है. इसके पहले 2018 में मानसून सत्र के दौरान विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव लाया था. उस दौरान मोदी सरकार ने आसानी से विश्वास मत हासिल कर लिया था.
10- वहीं, लोकसभा में 27 बार अविश्वास प्रस्ताव पेश किया जा चुका है, लेकिन अब तक सिर्फ तीन बार ऐसा हुआ जब प्रस्ताव पर मतदान के दौरान सरकार गिरी है. आखिरी बार 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार अविश्वास प्रस्ताव पर बहुमत नहीं हासिल कर सकी थी.
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