No Confidence Motion Debate: जनता दल यूनाइटेड पार्टी के लोकसभा सांसद गिरधारी यादव के गुरुवार (10 अगस्त) को अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान RSS का नाम लेने से विवाद हो गया है. बिहार के बांका से सांसद गिरधारी यादव ने तंज कसते हुए कहा, 'बीजेपी आरएसएस के एजेंडे पर चलने वाली सरकार है.' इस दौरान पीठासीन अधिकारी राजेंद्र अग्रवाल ने उनको वहीं पर टोकते हुए ऐसा नहीं करने को कहा. 


बिहार के सीएम नीतीश कुमार की पार्टी के सांसद गिरधारी यादव अपने भाषण के दौरान जातीय जनगणना नहीं कराने को लेकर बीजेपी सरकार की आलोचना कर रहे थे. वह कह रहे थे, 'बीजेपी सरकार पिछड़ा विरोधी सरकार है. ये गाय की जनगणना तो करती है, ये भैंस की जनगणना तो करती है लेकिन पिछड़े वर्ग की जनगणना नहीं करना चाहती है. बीजेपी आरएसएस के एजेंडों पर चलने वाली सरकार है.'


स्पीकर ने टोका, कहा- 'आप राजनीतिक पार्टी पर बोलिए'
जेडीयू सांसद के इस बयान के बाद पीठासीन स्पीकर ने उनको टोक दिया. उन्होंने सांसद से कहा कि आप ऐसे नहीं कह सकते. आप RSS का नाम क्यों लेते हैं? नो,नो,नो, आप RSS का नाम मत लीजिए. आप राजनीतिक पार्टी का नाम लीजिए. आप आरोप मत लगाइए. आपको तारीफ करनी है तो कर दीजिए, ये अपमानजनक बात है. 


जातीय जनगणना की समर्थक है जेडीयू
बिहार की नीतीश कुमार सरकार लंबे समय से जातीय जनगणना कराने की समर्थक रही है. इसी क्रम में उसने 18 फरवरी 2019 को और फिर 27 फरवरी 2020 को जातीय जनगणना का प्रस्ताव राज्य की विधानसभा और विधान परिषद दोनों में पास करा चुकी है. हालांकि केंद्र सरकार हमेशा से इसके खिलाफ रही है. 


बीजेपी नीत केंद्र सरकार ने एक हलफनामे में सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि जातीय जनगणना नहीं कराई जानी चाहिए. केंद्र का कहना था कि ओबीसी जातियों की गिनती करना लंबा और कठिन काम है. वहीं बिहार सरकार ने जनवरी 2023 में जनगणना कराने का काम काम शुरू कर दिया था जिसको मई में पूरा होना था पर बाद में इसमें रोक लग गई. 


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