No Confidence Motion: 'प्रधानमंत्री कोई परमात्मा हैं क्या?', राज्यसभा में बीजेपी पर भड़के मल्लिकार्जुन खरगे, बोले- उनके आने से क्या होगा
No Confidence Motion: राज्यसभा में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे अपनी बात रख रहे थे. इस दौरान वे अचानक पीएम मोदी को लेकर बीजेपी के सदस्यों पर बिफर पड़े.
No Confidence Motion Debate: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानि गुरुवार (10 अगस्त) को लोकसभा में विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देंगे. इसे लेकर राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे गुस्सा हो गए और बीजेपी पर बरस पड़े. खरगे ने कहा, प्रधानमंत्री के आने से क्या होगा. वो कोई परमात्मा हैं क्या?
मल्लिकार्जुन खरगे राज्यसभा में नेता सदन पीयूष गोयल को जवाब दे रहे थे. खरगे ने कहा, "नेता सदन मेरे पास आए थे. मुझे कुछ काम था, मुझे कुछ जरूरी काम था, जिसके सिलसिले में मुझे कहीं जाना था. उस दौरान 167 के तहत चर्चा पर सहमति बनी थी. अब वे दूसरी बात बोल रहे हैं."
बीजेपी सांसदों पर बिगड़े खरगे
खरगे ने आगे कहा कि 167 के तहत चर्चा होने दीजिए. प्रधानमंत्री को आने दीजिए. अपना विषय रखने दीजिए. इतना कहते ही बीजेपी के सदस्य हंगामा करने लगे जिस पर कांग्रेस नेता बिफर गए और कहा बीजेपी सदस्यों की तरफ देखते हुए कहा, "क्या होगा प्रधानमंत्री के आने से? कोई परमात्मा हैं क्या प्रधानमंत्री? वो कोई भगवान नहीं हैं."
पीएम मोदी गुरुवार को देंगे चर्चा पर जवाब
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 अगस्त को शाम चार बजे लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देंगे. समाचार एजेंसी एएनआई ने इस बारे में जानकारी दी है. पीएम के बयान से पहले लोकसभा में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रस्ताव के विरोध में भाषण दिया.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, 'बनेगा, मिलेगा' जैसे शब्द अब प्रचलन में नहीं हैं. आजकल लोग क्या उपयोग कर रहे हैं? बन गया, मिल गया, आ गया. यूपीए के कार्यकाल के दौरान लोग कहते थे बिजली आएगी, अब लोग कहते हैं बिजली आ गई. गैस कनेक्शन मिलेगा, अब 'गैस कनेक्शन मिल गया...उन्होंने कहा एयरपोर्ट बनेगा, अब एयरपोर्ट बन गया. प्रधानमंत्री आवास मिलेगा, अब मिल गया.
यूपीए ने एक दशक बर्बाद कर दिया- सीतारमण
उन्होंने आगे कहा, यूपीए ने पूरा एक दशक बर्बाद कर दिया क्योंकि वहां बहुत भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद था. आज हर संकट और विपरीत परिस्थिति को सुधार और अवसर में बदल दिया गया है. हमने महसूस किया है कि बैंकिंग क्षेत्र को स्वस्थ रहने की जरूरत है और इसलिए हमने कई कदम उठाए हैं. बैंक राजनीतिक हस्तक्षेप के बिना काम करने में सक्षम हैं, वे पेशेवर ईमानदारी के साथ काम कर रहे हैं. बैंकों में फेलाया हुआ आपका रायता हम साफ कर रहे हैं.
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