No Confidence Motion: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार (10 अगस्त) को विपक्ष के लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर बहस का जवाब दिया. इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का जिक्र करते हुए अधीर रंजन चौधरी पर पलटवार किया. 


पीएम मोदी ने कहा, "विपक्ष के सबसे बड़े नेता को वक्ताओं की सूची में जगह नहीं दी गई. अमित शाह की उदारता है कि उन्होंने अधीर रंजन चौधरी को समय देने का वादा किया. मुझे नहीं पता कि अधीर रंजन चौधरी को दरकिनार करने के लिए कांग्रेस की क्या मजबूरी थी, शायद कोलकाता से फोन किया गया था."


अधीर रंजन चौधरी पर पीएम मोदी का तंज 


पीएम मोदी ने कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी पर भी तंज किया. उन्होंने कहा, "अमित शाह ने समय दिलाया लेकिन वो (अधीर रंजन चौधरी) गुड़ का गोबर करने में माहिर हैं. इस बार अधीर बाबू का ये हाल हो गया कि उनकी पार्टी ने उनको बोलने का मौका नहीं दिया. अधीर बाबू के प्रति पूरी संवेदना है."


पीएम मोदी ने कहा, "इस अविश्वास प्रस्ताव में कुछ ऐसी चीजें भी नजर आईं जो पहले कभी नहीं देखा. सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता का नाम बोलने की सूची में नाम ही नहीं था. 1999 में वाजपेयी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आया. शरद पवार ने उसका नेतृत्व किया. 2003 में सोनिया गांधी ने अविश्वास प्रस्ताव रखा. 2018 में मल्लिकार्जुन खरगे ने विषय को आगे बढ़ाया. इस बार अधीर रंजन का क्या हाल हो गया."


PM मोदी को लेकर क्या बोले थे अधीर रंजन चौधरी


दरअसल, अधीर रंजन चौधरी ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान पीएम मोदी पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था, "अविश्वास प्रस्ताव की ताकत आज प्रधानमंत्री को संसद में ले आई है. हममें से कोई भी इस अविश्वास प्रस्ताव के बारे में नहीं सोच रहा था. हम तो यही मांग कर रहे थे कि पीएम मोदी संसद में आएं और मणिपुर मुद्दे पर बोलें. हम किसी बीजेपी सदस्य के संसद में आने की मांग नहीं कर रहे थे, हम सिर्फ अपने प्रधानमंत्री के आने की मांग कर रहे थे." 


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