PM Modi Speech: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर रिकॉर्ड दो घंटे से ज्यादा का भाषण दिया. इस दौरान पीएम ने कांग्रेस समेत पूरे विपक्ष पर जमकर निशाना साधा और कहा कि आपको भले ही हमारी सरकार पर अविश्वास हो, लेकिन देश की जनता को हम पर विश्वास है और आगे भी रहेगा. इसके अलावा पीएम मोदी ने मणिपुर को लेकर भी शांति की अपील की. अपने भाषण के अंत में पीएम मोदी ने 2047 का विजन भी बताया.
देश में अखंड विश्वासी लोग- पीएम
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, मेरा इस देश की जनता पर अटूट विश्वास है. मैं विश्वास से कह सकता हूं कि हमारे देश के लोग एक प्रकार से अखंड विश्वासी लोग हैं, हजार साल के गुलामी के कालखंड में भी उनके भीतर के विश्वास को उन्होंने कभी हिलने नहीं दिया. ये अखंड विश्वासी समाज है, अखंड चैतन्य से भरा समाज है. ये संकल्प के लिए समर्पण करने की परंपरा को लेकर चलने वाला समाज है.
विश्वासघात कर तोड़ने की कोशिश मत करो- पीएम मोदी
अविश्वास प्रस्ताव पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा, बीते नौ सालों में देश के सामान्य नागरिक का विश्वास नई बुलंदी को छू रहा है, नए अरमानों को छू रहा है. मेरे देश के नौजवान विश्व की बराबर करने के सपने देखने लगे हैं, इससे बड़ा सौभाग्य क्या हो सकता है. हर भारतीय विश्वास से भरा हुआ है. आज का भारत न दबाव में आता है न दबाव को मानता है. आज जो कि दुनिया का विश्वास भारत पर बढ़ा है, उसका एक कारण भारत के लोगों का खुद पर विश्वास बढ़ा है. कृपा करके इस विश्वास को मत तोड़िए. समझ नहीं सकते तो चुप रहो, इंतजार करो लेकिन देश के विश्वास को विश्वासघात कर तोड़ने की कोशिश मत करो.
2047 तक भारत होगा विकसित देश
प्रधानमंत्री मोदी ने 2047 का विजन बताते हुए कहा कि बीते वर्षों में विकसित भारत की एक मजबूत नींव रखने में हम सफल रहे, हमने सपना लिया है कि 2047 में जब देश आजादी के 100 साल पूरे करेगा, तब इस विश्वास के साथ मैं कहता हूं कि जो नींव आज मजबूती के साथ आगे बढ़ रही है, उस नींव की ताकत है कि 2047 में हिंदुस्तान विकसित हिंदुस्तान होगा, भारत विकसित भारत होगा. ये सब देश वासियों की ताकत से होगा, उनके परिश्रम से होगा, उनकी सामूहिक शक्ति से होगा... ये मेरा विश्वास है.
साथ मिलकर करें काम
अपने भाषण के अंत में पीएम मोदी ने विपक्ष को संबोधित करते हुए कहा कि मैं सदन के साथियों से आग्रह करूंगा कि आप समय को पहचानिए, साथ मिलकर चलिए... इस देश में मणिपुर से भी गंभीर समस्याएं पहले भी आई हैं, आइए मिलकर चलें, राजनीति के लिए मणिपुर की भूमि का इस्तेमाल न करें... वहां जो हुआ है वो दुखपूर्ण है, उस दर्द को समझकर दर्द की दवाई बनकर काम करें, यही हमारा काम होना चाहिए.
अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि अगर ये प्रस्ताव नहीं आया होता तो शायद हमें भी इतना सब कुछ कहने का मौका नहीं मिलता, इसीलिए मैं फिर एक बार प्रस्ताव लाने वालों का आभार व्यक्त करता हूं, लेकिन ये प्रस्ताव देश के विश्वासघात का प्रस्ताव है.
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