नई दिल्ली: मोदी सरकार के खिलाफ संसद में आज अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा और वोटिंग होगी. सरकार की ओर से जीत का दावा किया जा रहा है तो वहीं विपक्ष का भरोसा है कि अविश्वास प्रस्ताव के जरिए सरकार को संसद में बेनकाब करने का मौका मिलेगा. अविश्वास प्रस्ताव में सभी पार्टियों के बोलने का समय तय कर दिया गया है. संख्या के हिसाब से पार्टियों के समय तय हुए हैं. बीजेपी को सबसे ज्यादा 3 घंटे और 33 मिनट बोलने का समय मिला जबकि कांग्रेस को 38 मिनट का समय दिया गया है. इसके साथ ही AIADMK को 29 मिनट और TMC को 27 मिनट का समय दिया गया है .


आज 11 बजे लोकसभा की कार्यवाही शुरू होगी, सबसे अहम बात है कि कल प्रश्नकाल और लंच नह होगा. अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए सात घंटे का समय तय किया गया है. सरकार की ओर से पांच बड़े नेता और मंत्री बहस में हिस्सा लेंगे. टीडीपी के सांसद जयदेव गल्ला कल अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत करेंगे. टीडीपी का ही अविश्वास प्रस्ताव स्वीकार किया है, टीडीपी ने आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य के दर्जे पर एनडीए का साथ छोड़ दिया था.


किस पार्टी को मिला कितना समय?
बीजेपी- 3 घंटे 33 मिनट
कांग्रेस- 38 मिनट
AIADMK- 29 मिनट
टीएमसी- 27 मिनट
बीजेडी- 15 मिनट
शिवसेना- 14 मिनट
टीआरएस- 9 मिनट
टीडीपी- 13 मिनट
सीपीआईएम- 7 मिनट
एनसीपी- 6 मिनट
एसपी- 6 मिनट
एलजेएसपी- 5 मिनट
शिरोमणि अकाली दल, आरएलएसपी, एडी- 12 मिनट
बाकी अन्य- 26 मिनट


लोकसभा की मौजूदा स्थिति क्या है?
लोकसभा में कुल सीटों की संख्या 543 है, जिसमें फिलहाल 10 सीटें खाली हैं. सत्ताधारी एनडीए की बात करें तो बीजेपी की 272, एलजेपी की 6 और अन्य की 16 सीटों को मिलाकर आंकड़ा 294 होता है. वहीं विपक्षी यूपीए की बात करें तो कांग्रेस की 48, एनसीपी की 7, आरजेडी की 4 और अन्य की 8 सीटों को मिलाकर आंकड़ा सिर्फ 67 तक पहुंचता है.तमिलनाडु की एआईएडीएमके ने अविश्वास प्रस्ताव में एनडीए का साथ देने का एलान कर दिया है तो उसकी 37 सीटें भी एनडीए में जुड़ जाएंगी, तो एनडीए प्लस का आंकड़ा 331 पर पहुंच जाता है. इसी तरह यूपीए प्लस की बात करें तो कांग्रेस की 48, सहयोगियों की 19 और अन्य की 117 सीटों को मिला दें तो आंकड़ा 184 का हो जाता है. शिवसेना ने कहा है कि हम सदन में मौजूद रहेंगे लेकिन समर्थन पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है.


अविश्वास प्रस्ताव में मोदी सरकार को खतरा क्यों नहीं?
लोकसभा में 543 सीटों में से अभी 10 सीटें खाली हैं जिससे कुल संख्या 533 हो जाती है. 533 सदस्यों की लोकसभा में बहुमत के लिए 268 सीटें चाहिए होंगी. बीजेपी के पास अपने सांसदों की संख्या फिलहाल 272 है जो बहुमत से 4 ज्यादा है. इसमें एनडीए को भी जोड़ लिया जाए तो लोकसभा में कुल संख्या 349 हो जाती है जो बहुमत से 44 सीट ज्यादा है. एआईएडीएमके ने एनडीए का साथ देने का एलान किया है तो ये आंकड़ा 331 का हो जाता यानी बहुमत से 63 ज्यादा. इसका सीधा मतलब ये है कि मोदी सरकार के गिरने का खतरा बिल्कुल भी नहीं है.