अविश्वास प्रस्ताव: 'टॉक आउट' के लिए सरकार तैयार, विपक्ष को उसी के दांव से चित करने का ये है प्लान
सरकार को लगता है कि अविश्वास प्रस्ताव भले ही विपक्ष लाया है लेकिन इसका राजनीतिक फायदा सरकार को मिलेगा. इसके जरिए एक बार फिर वो ये संदेश देने में कामयाब रहेगी कि सदन का बहुमत उसके साथ है.
नई दिल्ली: केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में आज बहस के बाद वोटिंग होनी है. विपक्ष लंबे समय से इसकी मांग कर रहा था. अब जब ये मांग पूरी हुई है तो वोटिंग से पहले ही अपनी जीत को लेकर सरकार आश्वस्त है. लोकसभा के आंकड़े भी सरकार के दांवों को सही ठहरा रहे हैं. शिवसेना कई बार सरकार के खिलाफ आंखे तरारते हुए दिखाई देती रही है लेकिन अभी तक रुख साफ नहीं किया है.
सरकार का दावा है कि विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव लाकर बड़ी भूल कर दी है अब सरकार विपक्ष को नॉक आउट की जगह टॉक आउट करेगी, यानी अपने वाक पटु और दमदार भाषणों के लिए विख्यात नेताओं को अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ मैदान में उतरेगी. बीजेपी की ओर से प्रधानमंत्री समेत 5 वक्ता मैदान में होंगे और विपक्ष के हमले का तीखा जवाब देंगे.
वोटिंग भले ही आज देर शाम तक होगी लेकिन नतीजा पहले से ही साफ दिख रहा है. लोकसभा में पार्टियों के सदस्यों की संख्या साफ दिखा रही है कि बीजेपी सिर्फ अपने बूते ही आसानी से ये परीक्षा पास कर लेगी. वहीं, एनडीए के बाकी राजनीतिक दल उसके जीत के आंकड़े कोबढ़ाने का ही काम करेगी. यही कारण है कि सरकार अब कांग्रेस पर चुटकी लेने से भी पीछे नहीं हट रही. दरअसल राहुल गांधी ने पिछले सत्र के बाद कहा था कि अगर वो 15 मिनट बोलेंगे तो भूकंप आ जाएगा, जिस पर अब सरकार तंज कस रही है.
लोकसभा में बीजेपी अपने 273 सदस्यों के बूते ही आसानी से ये जंग जीत सकती है. लोकसभा के कुल सदस्यों का 51 फीसदी से ज्यादा अकेले बीजेपी के पास है. दूसरे नंबर पर भले ही कांग्रेस है, लेकिन उसके सदस्यों की संख्या सिर्फ 48 है. अन्नाद्रमुक 37 सदस्यों के साथ तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है. उसने अपना रुख साफ नहीं किया है लेकिन उसके सरकार के खिलाफ जाने की संभावना नहीं है. सूत्रों के मुताबिक वो वोटिंग के दौरान अनुपस्थित रह सकती है.
चौथी बड़ी पार्टी तृणमूल कांग्रेस है, जिसके पास 34 सांसद हैं, ये सरकार के खिलाफ वोटिंग करेगी. पांचवे नंबर पर बीजेडी है, जिसके 20 सांसद है. ये बीजेपी या कांग्रेस किसी के साथ खड़े होते नहीं दिखना चाहती. वो अनुपस्थित रह सकते हैं. लेकिन चूंकि ये अविश्वास प्रस्ताव टीडीपी का है, लिहाजा वो प्रस्ताव का साथ भी दे सकते हैं.
11 सदस्यों वाली टीआरएस भी वोटिंग से अनुपस्थित रह सकती है. बीजेपी से लंबे समय से बगावती तेवर दिखाने वाले शत्रुघन सिन्हा ने भी सरकार के पक्ष में मतदान करने का एलान कर दिया है. एनडीए के कुल सदस्य 315 हैं, लिहाजा बीजेपी को उम्मीद है कि इतने वोट तो उसे मिलेंगे ही. एनडीए के सारे सहयोगी बीजेपी के साथ साफ दिखाई दे रहे हैं. शिवसेना जरूर आज सुबह आंखे तरेरते हुए दिखाई दे रही थी. कल शिवसेना ने पार्टी सांसदों की बैठक बुलाई है तब ही शिवसेना का रुख साफ़ होगा. हालांकि शिवसेना का रुख शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे आज रात तक तय करेगे.
सरकार को लगता है कि अविश्वास प्रस्ताव भले ही विपक्ष लाया है लेकिन इसका राजनीतिक फायदा सरकार को मिलेगा. इसके जरिए एक बार फिर वो ये संदेश देने में कामयाब रहेगी कि सदन का बहुमत उसके साथ है. चूंकि बहस का समापन प्रधानमंत्री के जरिए होगा और ये भी साफ है पीएम हमेशा की तरह महफ़िल लूट लेगें.
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