नई दिल्ली: 16वीं लोकसभा के आखिरी मानसून सत्र मे विपक्ष मोदी सरकार को अविश्वास प्रस्ताव की कसौटी पर कसेगा. सरकार कह रही है कि कांग्रेस नेताओं का गणित गड़बड़ तो वहीं विपक्ष भी दम भरकर दावा कर रहा है कि हमारे पास संख्याबल है. इस सब के बीचखबर है कि कल लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की शुरूआत टीडीपी के सांसद जयदेव गल्ला कल अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत करेंगे. टीडीपी का ही अविश्वास प्रस्ताव स्वीकार किया गया है,


टीडीपी ने आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य के दर्जे पर एनडीए का साथ छोड़ दिया था. जयदेव गल्ला गुंटूर से सांसद हैं. टीडीपी ने चर्चा में अपने लिए लिए ज्यादा वक्त की मांग की है. कल 11 बजे लोकसभा की कार्यवाही शुरू होगी, सबसे अहम बात है कि कल प्रश्नकाल और लंच नह होगा. अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए सात घंटे का समय तय किया गया है. सरकार की ओर से पांच बड़े नेता और मंत्री बहस में हिस्सा लेंगे.


शिवसेना ने दिया नया ट्विस्ट
अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा से पहले शिवसेना ने पूरे राजनीतिक घटनाक्रम में नया ट्विस्ट डाल दिया है. शिवसेना संसदीय दल के नेता आनंद राव अडसुल ने बड़ा बयान दिया है. आनंद राव अडसुल ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर हमारे वोट के बारे में टीवी पर जो खबरें चल रही हैं वो गलत है. हमें अभी तक उद्धव ठाकरे जी से कोई निर्देश नहीं मिला है. इसलिए अभी हम इतना ही कह सकते हैं कि हम कल सदन में उपस्थित रहेंगे. हमारी क्या भूमिका होगी इसपर उद्धव जी के निर्णय के बाद तय होगा. पहले खबर आई थी कि शिवसेना ने बीजेपी को समर्थन का एलान कर दिया है.


लोकसभा की मौजूदा स्थिति क्या है?
लोकसभा में कुल सीटों की संख्या 543 है, जिसमें फिलहाल 10 सीटें खाली हैं. सत्ताधारी एनडीए की बात करें तो बीजेपी की 272, एलजेपी की 6 और अन्य की 16 सीटों को मिलाकर आंकड़ा 294 होता है. वहीं विपक्षी यूपीए की बात करें तो कांग्रेस की 48, एनसीपी की 7, आरजेडी की 4 और अन्य की 8 सीटों को मिलाकर आंकड़ा सिर्फ 67 तक पहुंचता है.तमिलनाडु की एआईएडीएमके ने अविश्वास प्रस्ताव में एनडीए का साथ देने का एलान कर दिया है तो उसकी 37 सीटें भी एनडीए में जुड़ जाएंगी, तो एनडीए प्लस का आंकड़ा 331 पर पहुंच जाता है. इसी तरह यूपीए प्लस की बात करें तो कांग्रेस की 48, सहयोगियों की 19 और अन्य की 117 सीटों को मिला दें तो आंकड़ा 184 का हो जाता है. शिवसेना ने कहा है कि हम सदन में मौजूद रहेंगे लेकिन समर्थन पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है.


अविश्वास प्रस्ताव में मोदी सरकार को खतरा क्यों नहीं?
लोकसभा में 543 सीटों में से अभी 10 सीटें खाली हैं जिससे कुल संख्या 533 हो जाती है. 533 सदस्यों की लोकसभा में बहुमत के लिए 268 सीटें चाहिए होंगी. बीजेपी के पास अपने सांसदों की संख्या फिलहाल 272 है जो बहुमत से 4 ज्यादा है. इसमें एनडीए को भी जोड़ लिया जाए तो लोकसभा में कुल संख्या 349 हो जाती है जो बहुमत से 44 सीट ज्यादा है. एआईएडीएमके ने एनडीए का साथ देने का एलान किया है तो ये आंकड़ा 331 का हो जाता यानी बहुमत से 63 ज्यादा. इसका सीधा मतलब ये है कि मोदी सरकार के गिरने का खतरा बिल्कुल भी नहीं है.