कोरोना वायरस के संक्रमण और उसके बचाव को लेकर विशेषज्ञों की वो मुख्य बातें जिनका ध्यान रखने से इस महामारी से बचा जा सकता है. पांच चीज़ें जाननी हैं बेहद ज़रूरी.
कोरोना वायरस के फैलने का मुख्य कारण
वायरस के संक्रमण की मुख्य वजह हम तो जानते हैं कि ये संक्रमित वयक्ति के ड्रापलेट से फैलता है लेकिन ऐसे भी व्यक्ति होते हैं जिनमें संक्रमण के लक्षण साफ दिखाई नहीं देते हैं और ऐसे लोगों का पता लगाना मुश्किल है. ऐसे व्यक्ती को Asymptomatic कहा जाता है. और उनसे भी इस बीमारी के फैलने का खतरा रहता है.
Asymptomatic और Pre-symptomatic में अंतर
जब हम Asymptomatic कहते हैं तो इसका मतलब होता कोई संक्रमण नहीं लेकिन हो सकता है जिनकी रिपोर्ट Asymptomatic हो, उन्हें बहुत छोटे पैमाने पर संक्रमण हो जिसका पता नहीं चल पाता. जैसा हल्का बीमार होना या बदलते मौसम में सहज महसूस नहीं करना. कुछ लोग pre-symptomatic होते हैं, जिनमें वायरस का ख़तरा तो नज़र तो आता हो लेकिन संक्रमण विकसित नहीं हुआ होता है.
बिना लक्षण वाले से संक्रमण का ख़तरा
ऐसा देखा गया है कि जिन लोगों में तीन दिन पहले तक कोरोना के कोई साफ़ लक्षण नहीं थे उनका लैब टेस्ट भी पॉजिटिव आया है. ऐसे लोगों से भी खतरा है.
Asymptomatic इंसान का वायरस फैलाना
ऐसे शख़्स का किसी दूसरे व्यक्ती के नज़दीक आकर चिल्लाना या ज़ोर आवाज़ में बात करना जिससे सांस वाली नली में मौजूद वायरस के बाहर निकलने का ख़तरा हो. ऐसी स्थिति में संक्रमण फैल जाता है.
संक्रमण के ताज़ा हालात
कुछ देशों में संक्रमणों की संख्या में इज़ाफ़ा देखने को मिला है तो कहीं इसकी रफ्तार में कमी की भी ख़बर है. चाहे वजह सोशल डिस्टेंसिंग हो या दूसरे नियमों का पालन और निगरानी. ये हमें तय करना है. चाहे संक्रमित पाए गए इंसान का quarantine होना हो या हमारा उनको सहयोग करना. ये बीमारी को रोकने के साथ-साथ भविष्य के किसी भी बड़े लॉकडाउन की संभावना से बचना होगा.
मोटी बात
साफ है कि ऐसे हालात में हमारे लिए बचाव ही एक रास्ता है. कम से कम लोगों से मिलें. दूरी से मिलें. मास्क का इस्तेमाल करें.