कोरोना की खतरनाक दूसरी लहर के दौरान देश में चारों तरफ ऑक्सीजन को लेकर हाहाकार मचा था. सांस लेने के लिए जरूरी ऑक्सीजन का सिलेंडर ब्लैक मार्केट में भी उपलब्ध नहीं था. नतीजा यह हुआ कि कोरोना से संक्रमित कई लोगों को ऑक्सीजन की कमी के कारण जान से हाथ गंवाना पड़ा. ऑक्सीजन की कमी के कारण कई दिनों तक पूरे देश में लोगों की मौत के कारण मातम पसरा रहा. इस घटना के तीन महीने बाद जब संसद में सरकार ने बयान दिया कि ऑक्सीजन की कमी के कारण देश में किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई तो पूरे देश में इस मुद्दे को लेकर एक बार फिर बवाल मच गया. विपक्षी नेताओं ने जहां सरकार पर तीखा प्रहार किया वहीं आम लोगों को भी इसे जले पर नमक छिड़कना जैसा महसूस हुआ. और अब गोवा के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने एक बार फिर इस जख्म पर नमक छिड़कने का काम किया है. उन्होंने विधानसभा में बयान दिया कि गोवा में ऑक्सीजन की कमी के कारण एक भी कोविड मरीज की मौत नहीं हुई.
अस्पताल में किसी की मौत का सवाल ही नहीं
विश्वजीत राणे ने दो महीने पहले इस बात को स्वीकार किया था कि सरकारी गोवा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (जीएमसीएच) में ऑक्सीजन की कमी के कारण कई कोविड-19 मरीजों की मौत हुई थी लेकिन अब उन्होंने विधानसभा में कहा कि महामारी के दौरान अस्पताल ने जीवनदायिनी गैस की किसी कमी का सामना नहीं किया और इसलिए इसके कारण अस्पताल में किसी की मौत होने का सवाल ही नहीं है.
पहले माना था 26 लोगों की मौत हुई
राणे ने शुक्रवार को सदन में दिए बयान में कहा, जीएमसीएच में ऑक्सीजन की कमी के कारण कोविड-19 के एक भी मरीज की मौत नहीं हुई. वह विपक्ष के नेता दिगंबर कामत द्वारा सदन में पूछे एक सवाल का जवाब दे रहे थे. मंत्री ने लिखित जवाब में कहा, किसी भी समय जीएमसीएच में ऑक्सीजन की आपूर्ति कम नहीं हुई और ऑक्सीजन की आपूर्ति न होने के कारण किसी की भी मौत नहीं हुई. उनका यह बयान 11 मई को दिए उनके अपने बयान से बिल्कुल अलग है जिसमें उन्होंने कहा था कि जीएमसीएच में ऑक्सीजन की कमी के कारण 24 घंटों के भीतर 26 लोगों की मौत हो गयी.
ये भी पढ़ें-
मध्य प्रदेश में 150 साल पुरानी जेल की दीवार ढहने से 22 कैदी घायल, एक की हालत चिंताजनक
Flights News: छात्रों के लिए अमेरिका जाने वाली फ्लाइट की संख्या बढ़ाएगा एयर इंडिया