जम्मू: इस वर्ष की अमरनाथ यात्रा को लेकर बुधवार का दिन काफी सस्पेंस भरा रहा. प्रदेश के उपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू की अध्क्षयता में हुई श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड की 38वीं बैठक में पहले यह फैसला लिया गया था कि इस साल की अमरनाथ यात्रा नहीं होगी, लकिन इस फैसले के प्रेस नोट को सरकार ने चंद ही मिनटों के बाद वापस ले लिया. जिसके बाद अब स्थिति को साफ़ करते हुए राज भवन से ये दावा किया गया है कि अमरनाथ यात्रा करवाने को लेकर आने वाले दिनों में उस समय की स्थिति का आंकलन कर नया फैसला लिया जा सकता है.


इस साल की अमरनाथ यात्रा को लेकर स्थिति साफ़ करते हुए राज भवन की तरफ से बुधवार शाम 8:44 मिनट पर जारी एक प्रेस नोट में कहा गया कि आज की स्थिति को देखते हुए इस साल की अमरनाथ यात्रा को करवा पाना मुमकिन नहीं है. इस प्रेस नोट में कहा गया है कि वर्तमान में कोरोना वायरस की महामारी की स्थिति के गतिशील होने के कारण, आने वाले समय में उस समय की स्थिति की समीक्षा करने के बाद ही अमरनाथ यात्रा के आयोजन पर उचित फैसला लिया जाएगा.


इससे पहले राज भवन की तरफ से बुधवार शाम 7:06 मिनट पर एक प्रेस नोट के ज़रिये यह जानकारी दी गयी थी कि देशभर में फैले कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते इस साल की अमरनाथ यात्रा को रद्द करने का फैसला लिया गया है. प्रेस नोट में जम्मू में हुई श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड की 38वीं बैठक का हवाला देते हुए कहा गया कि यह देखा गया कि प्रदेश सरकार ने कश्मीर घाटी में ऐसे 77 ऐसे इलाकों को रेड ज़ोन्स घोषित कर दिया है, जिन इलाको से अमरनाथ यात्रा को गुज़ारना है. साथ ही इस बैठक में इस बात पर भी विचार किया गया कि कोरोना वायरस के खतरे के चलते इस साल यात्रा के लिए लंगरों की स्थापना, स्वास्थ्य सेवाओं की शुरुआत, यात्रा के लिए कैंप बनाने और यात्रा मार्ग पर बर्फ हटाने के काम संभव नहीं हो पाया है. इस बैठक में उप-राज्यपाल ने कहा कि भारत सरकार ने लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ा दिया है और अभी इस बात का अंदाज़ा लगाना बेहद मुश्किल है कि यह लॉकडाउन आगे किस दिशा में जायेगा. उप-राज्यपाल ने इस बैठक में कहा कि श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के साथ साथ जम्मू कश्मीर सरकार की प्राथमिकता यात्रियों की सुरक्षा है.


जम्मू में हुई इस बैठक में श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के सभी सदस्यों ने सर्वसम्मिति से यह विचार रखा कि मौजूदा हालातों में इस साल की अमरनाथ यात्रा को करवाना संभव नहीं होगा. इस बैठक में यह भी फैसला किया गया कि इस साल की अमरमनाथ यात्रा की प्रथम पूजा और संपन्न पूजा को पारम्परिक तरीके से ही करवाया जायेगा. इसके साथ ही श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड इस साल की प्रथम पूजा और संपन्न पूजा के साथ-साथ पवित्र शिवलिंग के दर्शनों के लिए ऑनलाइन व्यवस्था पर विचार कर रही है. बोर्ड के सदस्यों ने इस बैठक में कहा कि इस साल की अमरनाथ यात्रा का आयोजन नहीं करना चाहिए ताकि इस तरह की सभाओं से बचने के लिए महामारी की मौजूदा परिस्थितियों के दौरान सभी के लिए एक उदाहरण स्थापित किया जा सके.