बेंगलुरु: कर्नाटक सरकार ने बेंगलुरु के कुछ क्षेत्रों में 11 अगस्त की रात हिंसा के संबंध में कुछ संगठनों को प्रतिबंधित करने के मद्देनजर अभी कोई भी निर्णय लेने से इनकार किया है. सरकार ने इसके पीछे पुलिस और अन्य विभागों से इन संगठनों के शामिल होने को लेकर ठोस रिपोर्ट नहीं मिलने का हवाला दिया है.


विधि मंत्री जे सी मधुस्वामी ने राज्य मंत्रिमंडल के साथ बैठक के बाद कहा, ‘‘हमने विस्तृत चर्चा की लेकिन इस बारे में हम कोई ठोस निर्णय नहीं ले पाए क्योंकि हमारे पास अभी (पुलिस या अन्य सरकारी विभागों से) इस संबंध में कोई रिपोर्ट नहीं है. साथ ही इसलिए चर्चा के बाद हमने इस पर कोई निर्णय नहीं लिया.’’


मधुस्वामी ने कहा कि मंत्रियों ने इस पर विस्तार से चर्चा की लेकिन संगठनों को प्रतिबंधित करने के संबंध में अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है. उन्होंने कहा कि पुलिस और अन्य विभागों से रिपोर्ट मिलने के बाद ही इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा.


एक स्थानीय कांग्रेस विधायक के एक रिश्तेदार द्वारा सोशल मीडिया पर कथित रूप से एक विवादास्पद पोस्ट डालने के बाद 11 अगस्त की रात डी जे हल्ली और आसपास के इलाकों में हुई. हिंसा के बाद पुलिस के चलाई गयी गोलियों से तीन लोग मारे गये थे और एक घायल ने बाद में दम तोड़ दिया था.


इस हिंसा में दंगाइयों ने पुलकेशीनगर विधायक आर एक श्रीनिवास मूर्ति का आवास और डी जे हल्ली पुलिस थाना फूंक दिया था और कई निजी व पुलिस वाहनों को आग के हवाले कर दिया.


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