महाराष्ट्र, केरल में कोरोना मामले बढ़ने की वजह नए वेरिएंट नहीं, पढ़िए स्वास्थ्य मंत्रालय ने क्या कहा
भारत के कुछ राज्यों में जहां कोरोना के मामले बढ़ रहे है वहां पर केंद्र सरकार ने अपनी टीम भेजी है जो केस बढ़ने की वजह और कैसे कम किया जाए इसपर काम कर रही है. ये राज्य हैं- महाराष्ट्र, केरल, पंजाब, छत्तीसगढ़. वहीं इन टीमों को ये हिदायत दी गई है कि ये वहां के मुख्य सचिव और स्वास्थ्य सचिव के साथ मामले कम कैसे हो इस पर चर्चा करें.
नई दिल्ली: भारत में एक बार फिर से कोरोना के मामले कुछ राज्यों में बढ़ने लगे है. इसको लेकर केंद्र सरकार ने अपनी टीम इन राज्यों में भेजी है जो वजहों का पता लगाने के साथ रोकथाम में मदद करेगी. वहीं इस बीच भारत में भी महाराष्ट्र, केरल और तेलंगाना में दो वैरिएंट मिले है. हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक ये पहले भी मिले है और इनसे कोई नुकसान नहीं देखने को मिला. वहीं ये वैरिएंट इन राज्यों में बढ़ते मामलों की वजह है ये भी अभी साफ नहीं है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जानकारी दी गई कि भारत में दो वैरिएंट मिले है. ये वैरिएंट महाराष्ट्र, तेलंगाना और केरल में मिले है. हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक जो दो नए वेरिएंट या स्ट्रेन N440K और E484Q मिले हैं इनको भारतीय स्ट्रेन या वेरिएंट कहना सही नहीं है क्योंकि दुनिया के दूसरे देशों में भी मिल चुका है. भारत में ये इससे पहले भी मार्च और जुलाई में बीते साल डिटेक्ट हो चुका है. क्या ये वैरिएंट की वजह से ही बढ़े हैं, ये अभी साफ नहीं है इसका पता लगाया जा रहा है.
नीति आयोग के स्वास्थ्य सदस्य डॉ वी के पॉल ने कहा, 'दो वैरिएंट N440K और E484Q को हमने भी इसको डिटेक्ट किया है. ये महाराष्ट्र, तेलंगाना और केरल में पाए गए है. लेकिन ये इन जगहों पर संक्रमण के जिम्मेदार नहीं है.' भारत में म्युटेशन और स्ट्रेन में बदलाव पर नजर रखने के लिए INSACOG बनाया गया है जो दस अलग-अलग संस्था की लेबोरेटरी मिलाकर बनाया है. जिसमें वायरस की जीनोम सिक्वेंसिंग की जा रही. ये वायरस की सिक्वेंसिंग करते है और म्युटेशन पर नजर रखते है.
अब तक 3500 वायरस के सीक्वेंस पाए गए नीति आयोग के स्वास्थ्य सदस्य डॉ वी के पॉल ने कहा, 'वैरिएंट्स आने के बाद भारत सरकार ने अपने 10 अलग लैबोरेट्रीज को जोड़ा और एक नेटवर्क INSACOG बनाया. इसके बनने के बाद वायरस स्ट्रेन और म्युटेशन पर नजर रखी जा रही है. हमने अब तक 3500 वायरस के सीक्वेंस किए हैं. उसमे पाया कि 187 लोग यूके वैरिएंट, 6 साउथ अफ्रीक वैरिएंट और एक ब्राजील वैरिएंट से संक्रमित पाए गए. जब हम वायरस में वैरीएंट ढूंढते हैं तो हम सिर्फ इन्हीं नहीं कोई और भी होने पर उसे ढूंढते हैं. और यह प्रयास यूके वैरीएंट के आने से पहले से चल रहा है.'
वी के पॉल ने आगे कहा, 'जो ये दो वेरिएंट है ये पहले भी डिटेक्ट हुए है हमारे सिस्टम में, E484K मार्च और जुलाई के आसपास विजिबल था इसका कोई इफेक्ट नहीं था. तो ऐसे ही दूसरा वेरिएंट का पता है ये रहा है और इसका कोई असर नहीं था. लेकिन इस चीज को डेफिनेटिव तरीके से कहना की जो आज हो रहा है वो उनके साथ इन चीजों का रिलेशन है या नहीं ये वर्क इन प्रोग्रेस है. आज हमारे पास इसको लेकर कोई साइंटिफिक एविडेंस नहीं है हम इसको देख रहे है.'
फिलहाल केंद्र सरकार सभी परिस्तिति पर नजर रखे हुए है. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक केस बढ़ने की कई वजह हो सकती है जिसमें लोगों की लापरवाही और कोरोना खत्म हो गया है ये मान लेना है. फिलहाल इन राज्यों में गई टीम अपनी जांच कर रही है और जल्द अपनी रिपोर्ट केंद्र को सौंपेंगी. तो इस बीच एहितयात बनाए रखे क्योंकि कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है.
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