एक्सप्लोरर

NPR के दौरान दस्तावेज या बायोमेट्रिक जानकारी देने के लिए नहीं कहा जाएगा- गृह मंत्रालय

एनपीआर देश में रहने वाले निवासियों का रजिस्टर है. नागरिकता कानून 1955 और नागरिकता नियम, 2003 के प्रावाधनों तहत यह स्थानीय (गांव/कस्बा) उप जिला, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया जाता है. नियम में इसका उल्लंघन करने वाले पर एक हजार रुपये के जुर्माने का भी प्रावधान है.

नई दिल्ली: राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) पर पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों और विपक्षी दलों द्वारा जतायी गयी चिंताओं के बीच गृह मंत्रालय ने बुधवार को कहा रजिस्टर को अद्यतन करने के दौरान कागजात या बायोमेट्रिक जानकारी देने के लिए नहीं कहा जाएगा.

मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि एनपीआर कवायद के तहत विभिन्न प्रश्नों वाले फार्म को जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि कवायद के दौरान ‘‘कोई भी कागजात देने के लिए नहीं कहा जाएगा’’ और ‘‘बायोमेट्रिक जानकारी भी नहीं ली जाएगी.’’

हालांकि, रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त के कार्यालय की वेबसाइट पर उपलब्ध सूचना के मुताबिक एनपीआर डेटाबेस में जनसांख्यिकी के साथ ही बायोमेट्रिक विवरण भी होंगे.

इसमें कहा गया, ‘‘एनपीआर का लक्ष्य देश में रहने वाले हर निवासी का समग्र डेटाबेस तैयार करना है. डेटाबेस में जनसांख्यिकी के साथ बायोमेट्रिक विवरण भी होंगे.’’

संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर देश के विभिन्न हिस्से में विरोध प्रदर्शन के बीच पश्चिम बंगाल और केरल ने एनपीआर को अद्यतन करने का काम फिलहाल रोक दिया है.

मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि अधिकतर राज्यों ने एनपीआर से संबंधित प्रावधानों को अधिसूचित कर दिया है.

असम को छोड़कर पूरे देश के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एनपीआर की कवायद वर्ष 2020 में अप्रैल से सितंबर के बीच पूरी की जानी है.

एनपीआर की कवायद के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 3941.35 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं.

क्या है नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR)

राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) देश के सामान्य निवासियों का एक रजिस्टर है. यह नागरिकता अधिनियम 1955 और नागरिकता (नागरिकों का पंजीकरण और राष्ट्रीय पहचान पत्र) नियम 2003 के प्रावधानों के तहत स्थानीय (ग्राम / उप-टाउन), उप-जिला, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया जाता है. भारत के प्रत्येक सामान्य निवासी के लिए एनपीआर में पंजीकरण कराना अनिवार्य है. कोई भी निवासी जो 6 महीने या उससे अधिक समय से स्थानीय क्षेत्र में निवास कर रहा है तो उसे NPR में अनिवार्य रूप से पंजीकरण करना होता है.

क्या है राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) का उद्देश्य

एनपीआर का उद्देश्य देश में हर सामान्य निवासी का एक व्यापक पहचान डेटाबेस तैयार करना है. डेटाबेस में जनसांख्यिकीय के साथ-साथ बॉयोमीट्रिक विवरण शामिल होते हैं.

ध्यान दें - एनपीआर के दौरान कोई बायोमेट्रिक एकत्रित नहीं किया जा रहा है.

एनपीआर को 2010 में पहली बार तैयार किया गया था. इसके बाद हुए जन्म, मृत्यु और प्रवास के कारण बदलाव को सम्मिलित करने के लिए, इसे फिर से अपग्रेड करने की ज़रूरत है. 2015 में कुछ ही घटकों को शामिल किया गया था. एनपीआर के आंकड़ों के जरिए आम आदमी को कई योजनाओं का भी लाभ मिल सकेगा. मसलन विभिन्न जन कल्याण और लाभार्थी उन्मुख सरकारी योजनाएं जैसे कि आयुष्मान भारत, जन धन योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला योजना, सौभाग्य योजना, लोक वितरण प्रणाली (PDS) आदि परिवार आधारित हैं. इनके पारदर्शी और कुशल कार्यान्वन के लिए एनपीआर आंकड़ों का प्रयोग किया जा सकता है.

एनपीआर डाटा करने के लिए एक मोबाइल ऐप का प्रयोग किया जाएगा. सरकार का मानना है कि यह डाटा इकट्ठा करने के लिए हर घर पर सरकारी कर्मचारी भेजा जाएगा क्योंकि सभी व्यक्ति अपने आप इस डाटा को अपडेट नहीं कर पाएंगे. इसके अतिरिक्त घर-घर गणना अपने आप में यह सुनिश्चित करेगी कि पूरी जनसंख्या को शामिल कर लिया गया है. यानी सरकार किसी भी तरह का कोई रिस्क नहीं लेना चाहती. सरकार ने पूरी तरह से साफ किया है कि एनपीआर अपडेट करने के दौरान घर-घर गणना के समय कोई दस्तावेज़ एकत्रित नहीं किए जा रहे हैं.

निर्भया गैंगरेप: दोषी मुकेश ने की फांसी की तारीख पर रोक की मांग, पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई आज

गिरफ्तार किए गए डीएसपी से वापस लिया गया जम्मू-कश्मीर पुलिस का बहादुरी पदक

और देखें
Advertisement
IOI
Don't Miss Out
00
Hours
00
Minutes
00
Seconds
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

महाराष्ट्र के अकोला में दो समूहों के बीच झड़प, वाहन में लगाई आग, 6 लोग घायल
महाराष्ट्र के अकोला में दो समूहों के बीच झड़प, वाहन में लगाई आग, 6 लोग घायल
'कोर्ट के प्रति कुछ तो शिष्टाचार दिखाएं', केंद्र के वकील की अनुपस्थिति पर सुप्रीम कोर्ट की फटकार
'कोर्ट के प्रति कुछ तो शिष्टाचार दिखाएं', केंद्र के वकील की अनुपस्थिति पर सुप्रीम कोर्ट की फटकार
Qatar Emir on India Visit: कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी पहुंचे भारत, एयरपोर्ट पहुंचकर पीएम मोदी ने किया स्वागत
कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी पहुंचे भारत, एयरपोर्ट पहुंचकर पीएम मोदी ने किया स्वागत
अश्लील सीन्स से भरी इन फिल्मों का कंटेंट है शानदार, 18+ लोग ही देखें
अश्लील सीन्स से भरी इन फिल्मों का कंटेंट है शानदार, 18+ लोग ही देखें
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Delhi CM Announcement : यमुनाजी के अच्छे दिन आ गए! । BJP New CM । Kejriwal । AAPMahadangal: शपथ का प्लान तैयार...नाम का इंतजार! | Chitra Tripathi | ABP News | Delhi New CMरेलमंत्री अश्विनी वैष्णव का इस्तीफा मांगने वाले लोग बड़े 'भोले' हैं, अगर PM नेहरू होते तो...Chhaava में क्या फेल हो गया AR Rahman का magic? Vicky Rashmika पर क्यों चल रहा Maahi

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
महाराष्ट्र के अकोला में दो समूहों के बीच झड़प, वाहन में लगाई आग, 6 लोग घायल
महाराष्ट्र के अकोला में दो समूहों के बीच झड़प, वाहन में लगाई आग, 6 लोग घायल
'कोर्ट के प्रति कुछ तो शिष्टाचार दिखाएं', केंद्र के वकील की अनुपस्थिति पर सुप्रीम कोर्ट की फटकार
'कोर्ट के प्रति कुछ तो शिष्टाचार दिखाएं', केंद्र के वकील की अनुपस्थिति पर सुप्रीम कोर्ट की फटकार
Qatar Emir on India Visit: कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी पहुंचे भारत, एयरपोर्ट पहुंचकर पीएम मोदी ने किया स्वागत
कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी पहुंचे भारत, एयरपोर्ट पहुंचकर पीएम मोदी ने किया स्वागत
अश्लील सीन्स से भरी इन फिल्मों का कंटेंट है शानदार, 18+ लोग ही देखें
अश्लील सीन्स से भरी इन फिल्मों का कंटेंट है शानदार, 18+ लोग ही देखें
दिल की नसें हो रही हैं ब्लॉक तो शरीर पर दिखाई देने लगते हैं लक्षण, भूल से भी न करें इग्नोर
दिल की नसें हो रही हैं ब्लॉक तो शरीर पर दिखाई देने लगते हैं लक्षण, भूल से भी न करें इग्नोर
दिल्ली में बढ़ने लगा तापमान, दर्ज किया गया सीजन का सबसे गर्म दिन, जानें कल कैसा रहेगा मौसम?
दिल्ली में बढ़ने लगा तापमान, दर्ज किया गया सीजन का सबसे गर्म दिन, जानें कल कैसा रहेगा मौसम?
जर्मनी के राष्ट्रपति का अकाउंट हैक कर बिहार के जल बोर्ड की लगाई तस्वीर, यूजर्स ने ले ली मौज
जर्मनी के राष्ट्रपति का अकाउंट हैक कर बिहार के जल बोर्ड की लगाई तस्वीर, यूजर्स ने ले ली मौज
UNESCO: दुनिया के 40% एजुकेशन सिस्टम में स्मार्टफोन पर बैन, भारत में अब तक कोई कानून नहीं
दुनिया के 40% एजुकेशन सिस्टम में स्मार्टफोन पर बैन, भारत में अब तक कोई कानून नहीं
Embed widget

We use cookies to improve your experience, analyze traffic, and personalize content. By clicking "Allow All Cookies", you agree to our use of cookies.