दिल्ली में फैल रहा है कोरोना वायरस, अभी नहीं दी जाएगी लॉकडाउन से राहत: केजरीवाल
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का कहना है कि दिल्ली में लॉकडाउन से कोई छूट नहीं दी जाएगी.उन्होंने कहा कि जहां लोगों ने अनुशासन का पालन किया वहां पर एक भी मामला सामने नहीं आया है.
नई दिल्ली: दिल्ली में कोरोना की वर्तमान स्थिति को देखते हुए दिल्ली सरकार ने फैसला लिया है कि फिलहाल दिल्ली में लॉकडाउन में कोई रियायत नहीं दी जाएगी. एक हफ्ते बाद सभी मंत्रियों, अधिकारियों और विशेषज्ञों के साथ रिव्यू मीटिंग में आगे के लिये फैसला लिया जाएगा.
प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, " केंद्र सरकार का कहना है कि जो हॉटस्पॉट हैं और जो कंटेनमेंट इलाके हैं उनमें फिलहाल ढील नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि वहां पर स्थिति खराब है. दिल्ली में सभी 11 इलाकों को हॉटस्पॉट घोषित किया गया है. पिछले कुछ दिनों में कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी होनी शुरू हुई है. शनिवार को 25 फीसदी कोरोना के पॉजिटिव मरीज पाए गए हैं. हमने टेस्ट की संख्या बढ़ाई है, मामलों में बढ़ोतरी हुई है."
186 मरीज में नहीं दिखे लक्षण
कोरोना के पॉजिटिव केस में संक्रमित लोगों को संक्रमण के लक्षण नजर ना आने पर बात करते हुए केजरीवाल ने कहा, "टेस्टिंग में पॉजिटिव आये कुछ लोगों को पता ही नहीं था कि उनको कोरोना है. 186 मरीज ऐसे निकले जिनमें किसी में लक्षण नहीं थे. इनमें संक्रमित व्यक्ति ने बताया कि वो रोज फूड सेन्टर में जा रहा था खाना बंटवाने के लिए. उसने ना जाने कितने लोगों को वहां संक्रमित कर दिया होगा."
दिल्ली में 77 कंटेनमेंट एरिया बनाये गए हैं. जानकारी देते हुए केजरीवाल ने कहा कि कंटेंनट एरिया में रैंडम सैम्पलिंग सरकार ने कराई है. दिल्ली में कोरोना तेजी से फैल रहा है लेकिन स्थिति नियंत्रण में है. स्थिति चिंताजनक है लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है.
जहां लोगों ने बात मानी वहां पर एक भी मामला नहीं
लॉकडाउन में कोई रियायत ना देने के बारे में बात करते हुए केजरीवाल ने कहा, "ये बात सामने आई है कि जहां पर लोगों ने बात मानी और अनुशासन का पालन किया वहां पर एक भी मामला नहीं आया लेकिन जहां पर लोगों ने बात नहीं मानी और वह गलियों में निकल आए वहां कंटेनमेंट जोन में नए मामले सामने आए. सोच कर देखिए कि अगर लॉकडाउन नहीं होता तो क्या होता.
अगर 3000 लोगों को आईसीयू की जरूरत पड़ जाती या दो-ढाई हजार लोगों को वेंटिलेटर की जरूरत पड़ जाती तो इतने तो हमारे पास है भी नहीं. पिछले दो ढाई महीनों में विदेशों से जो लोग आए, सबसे ज्यादा लोग दिल्ली में आए क्योंकि दिल्ली देश की राजधानी है. आज दिल्ली में देश की दो प्रतिशत जनसंख्या रहती है लेकिन देश के 12 फीसदी कोरोना मामले यहां हैं.
मरकज की मार दिल्ली ने बर्दाश्त की
मरकज के चलते भी जो हुआ उसकी मार दिल्ली को बर्दाश्त करनी पड़ी. इसलिए अभी ढिलाई दी और स्थिति खराब हुई तो कभी खुद को माफ नहीं कर पाएंगे. हमने फैसला किया है दिल्ली वालों की जिंदगी का ध्यान रखते हुए कि फिलहाल लॉकडाउन की शर्तों में कोई ढिलाई नहीं दी जाएगी. एक हफ्ते बाद दोबारा स्थिति पर विचार करेंगे. गौरतलब है कि दिल्ली सरकार ने शनिवार को आदेश जारी कर अपने सभी विभागों में 20 अप्रैल के बाद भी अगला आदेश आने तक यथा स्थिति कामकाज जारी रखने के निर्देश दिये थे.
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