Tirupati Temple Prasad Row: राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड की सेंटर ऑफ एनालिसिस एंड लर्निंग इन लाइवस्टॉक एंड फूड (सीएएलएफ) की जुलाई की रिपोर्ट में कहा गया है कि वाईएसआरसीपी के सत्ता में रहने के दौरान प्रसिद्ध तिरुपति लड्डू बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले घी में जानवरों की चर्बी पाई गई है. ये रिपोर्ट बुधवार (18 सितंबर) को सामने आई है.
रिपोर्ट ने संकेत दिया कि घी में मछली के तेल, गाय के मांस की चर्बी के निशान थे. इस बीच तिरुपति लड्डू विवाद पर कर्नाटक मिल्क फेडरेशन ने बयान जारी किया है. फेडरेशन ने कहा है कि मंदिर की ओर से पिछले चार साल में घी नहीं खरीदा गया है.
क्या है पूरा मामला?
आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने आरोप लगाया था कि जगनमोहन रेड्डी के सरकार में रहते हुए तिरुपति मंदिर के प्रसाद में घी की जगह जानवरों की चर्बी को मिलाया जाता था. एक कार्यक्रम में बोलते हुए सीएम चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि प्रसाद में घी की जगह जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल हुआ था, इसके अलावा भी दोयम दर्जे के सामान का इस्तेमाल होता था. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने सुनिश्चित किया है कि घी सहित उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री का अब इस्तेमाल किया जा रहा है और मंदिर में सभी भोजन प्रसाद अब बेहतर गुणवत्ता के हैं.
वाईआरएसपी ने किया पलटवार
सीएम चंद्रबाबू नायडू के बयान पर वाईएसआरसीपी ने आपत्ति जताई है. पार्टी ने कहा है कि टीडीपी ने राजनीतिक लाभ लेने के लिए झूठ का सहारा लिया है. पार्टी ने यह भी कहा कि यह नायडू ही हैं, जिन्होंने इस तरह की अपमानजनक टिप्पणी करके मंदिर और करोड़ों श्रद्धालुओं की पवित्रता को नुकसान पहुंचाया है. वाईएसआरसीपी के वाईवी सुब्बा रेड्डी ने एक्स पर तेलुगु में लिखा कि "यह एक बार फिर साबित हो गया है कि चंद्रबाबू (नायडू) राजनीति के लाभ के लिए कुछ भी बुरा करने में संकोच नहीं करेंगे."
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