नयी दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी के कुछ अस्पतालों ने मंगलवार को भी अधिकारियों से ऑक्सीजन आपूर्ति को लेकर गुहार लगाई और कहा कि ऑक्सीजन की किल्लत के चलते उनके मरीजों की जान दांव पर लगी हुई है.
मरीजों की जान खतरे में
पिछले कुछ दिनों से राष्ट्रीय राजधानी एवं इसके आसपास के अस्पताल चिकित्सीय ऑक्सीजन की किल्लत के चलते सोशल मीडिया पर एसओएस (त्राहिमाम संदेश) भेज रहे हैं. इस बीच, मालवीय नगर के मधुकर रेनबो बाल अस्पताल ने मंगलवार रात करीब 10:30 बजे खत्म होती चिकित्सीय ऑक्सीजन के बारे में सतर्क किया और कहा कि उनके 50 मरीजों की जान खतरे में है.
अस्पताल के प्रमुख दिनेश वशिष्ठ ने कहा कि इस निजी अस्पताल के पास केवल 45 मिनट की ऑक्सीजन बाकी बची थी. उन्होंने कहा, ' चार नवजात समेत 50 मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं.' साथ ही कहा कि दोबारा भरे गए ऑक्सीजन सिलेंडर अस्पताल पहुंचने की उम्मीद है.
पांच मिनट की देरी भी बड़ी त्रासदी ला सकती है
वशिष्ठ ने कहा कि केवल पांच मिनट की देरी भी बड़ी त्रासदी ला सकती है. उधर, ट्रीटोन अस्पताल ने भी सुबह करीब 9:30 बजे एसओएस संदेश भेजा था, जहां आईसीयू में 10 से अधिक नवजात भर्ती हैं.
इस बीच, आम आदमी पार्टी के विधायक राघव चड्ढा ने ट्वीट कर आश्वासन दिया कि वह अस्पताल में ऑक्सीजन आपूर्ति बहाल करने में सहायता करेंगे.
समा अस्पताल में आक्सीजन की किल्लत
शाम करीब चार बजे सिरी फोर्ट के पास स्थित समा अस्पताल ने ऑक्सीजन किल्लत के बारे में सूचित किया. अस्पताल में भर्ती 30 मरीजों की हालत नाजुक थी जबकि कुछ वेंटिलेटर पर थे.
चड्ढा ने अन्य ट्वीट में समा अस्पताल को ऑक्सीजन उपलब्ध कराए जाने की जानकारी दी. उन्होंने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी के 41 अस्पतालों ने दिल्ली सरकार को तीन मई को ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए एसओएस (त्राहिमाम संदेश) भेजा, जहां करीब 7000 लोग ऑक्सीजन सपोर्ट पर थे. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में पिछले हफ्ते प्रतिदिन औसतन 393 मीट्रिक टन (एमटी) ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई जबकि जरूरत 976 मीट्रिक टन की थी.
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