हरिद्वारः इस वर्ष स्थगित कांवड़ यात्रा के बावजूद अगर कोई कांवडिया हरिद्वार गंगाजल भरने के उददेश्य से आता है, तो उसे अनिवार्य रूप से 14 दिन के लिए संस्थागत क्वॉरंटीन में रखा जायेगा. कुछ ही दिनों में शुरू हो रहे सावन के महीने की शुरुआत के साथ ही कांवड़ यात्रा भी शुरू होती है. देश में बीते कुछ दिनों से लगातार कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी आई है.


हरियाणा और यूपी के अधिकारियों के साथ बैठक में फैसला


हरिद्वार के जिलाधिकारी सी रविशंकर ने बुधवार 1 जुलाई को मीडिया से बात करते हुए बताया कि यह निर्णय बुधवार को ही उत्तर प्रदेश और हरियाणा के पड़ोसी जिलों के जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों के साथ समन्वय बैठक में लिया गया. उन्होंने कहा कि यह बैठक प्रतिबंध का कड़ाई से पालन करने के लिए रणनीति तैयार करने के लिए आयोजित की गई थी.


सावन के महीने में पवित्र गंगा जल लेने के लिए बड़ी संख्या में कांवडिया हरिद्वार आते हैं, लेकिन इस वर्ष कोरोना महामारी के मददेनजर इसे रद्द कर दिया गया है.


उल्लंघन करने वाले से ही वसूला जाएगा खर्च


जिलाधिकारी ने कहा कि इस संबंध में कोई भी रियायत नहीं दी जाएगी और यदि कोई भी श्रद्धालु कांवड़ यात्रा और गंगाजल भरने के उद्देश्य से हरिद्वार में पकड़ा जाता है तो जिला प्रशासन द्वारा उसको अनिवार्य रूप से 14 दिन के लिए संस्थागत क्वॉरंटीन में रखा जायेगा और इस पर आने वाला खर्च भी पूरी तरह उस व्यक्ति से ही वसूला जायेगा.


उत्तराखंड में कोरोना से संक्रमण के मामले 2881 तक पहुंच गए हैं, जिनमें से 41 लोगों की मौत हो चुकी है. हालांकि राज्य में सक्रिय केसों की संख्या कम हुई है और अभी सिर्फ 600 से कुछ ज्यादा लोग संक्रमित हैं.


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