दिल्ली-एनसीआर में हाल में आए भूकंपों से घबराने की जरूरत नहीं, लेकिन तैयारी जरूरी- NCS
बीते दिनों में दिल्ली में भूकेप के झटकों को महसूस किा गया था. जिसके बाद लोगों में डर का माहौल बना हुआ था. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी का कहना है कि दिल्ली-एनसीआर में हाल ही में आये भूकंप के चलते घबराने की जरूरत नहीं है लेकिन तैयारियां और एहतियाती कदम उठाना जरूरी है.
![दिल्ली-एनसीआर में हाल में आए भूकंपों से घबराने की जरूरत नहीं, लेकिन तैयारी जरूरी- NCS No need to panic due to the recent earthquakes in Delhi-NCR, but preparation is necessary- NCS दिल्ली-एनसीआर में हाल में आए भूकंपों से घबराने की जरूरत नहीं, लेकिन तैयारी जरूरी- NCS](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/05/30032636/earthquake.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
नई दिल्लीः नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) के निदेशक बी के बंसल ने कहा है कि दिल्ली-एनसीआर में हाल ही में आये भूकंप के चलते घबराने की जरूरत नहीं है लेकिन तैयारियां और एहतियाती कदम उठाना जरूरी है.
गृह मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, बंसल ने बुधवार को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) द्वारा आयोजित एक बैठक में कहा कि दिल्ली के भूकंप के इतिहास को देखते हुए दिल्ली-एनसीआर में मामूली भूकंप के झटके असामान्य नहीं हैं.
उन्होंने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है लेकिन जोखिम कम करने के लिए तैयारी और शमन उपाय करना जरूरी है. दुनिया में ऐसी कोई सिद्ध तकनीक नहीं है जिससे स्थान, समय और परिमाण के मामले में निश्चितता के साथ भूकंप की भविष्यवाणी की जा सके.
एनडीएमए ने राज्य सरकारों से ऐसे कदम उठाने का अनुरोध किया है जिसमें आगामी निर्माणों में भूकंप के मद्देनजर निर्माण संबंधी नियमों का अनुपालन सुनिश्चित हो और कमजोर भवन का निर्माण नहीं हो. उसने राज्यों को जोखिम वाले ढांचों की पहचान करने और उनमें जरूरी सुधार करने का सुझाव दिया है. निजी इमारतों में भी चरणबद्ध तरीके से सुधार किया जाना चाहिए.
उसने कहा कि साथ ही जनता में इसको लेकर जागरुकता उत्पन्न करना चाहिए कि भूकंप के समय क्या करना चाहिए और क्या नहीं. दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में भूकंप के जोखिम को कम करने के लिए विभिन्न तैयारियों पर चर्चा के लिए बुलाई गई बैठक में एनडीएमए के सदस्य, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के महानिदेशक और दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी वॉयस कान्फ्रेंस के जरिए शामिल हुए.
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