भारत के पास 30 दिनों से अधिक की मांगों को पूरा करने के लिए पर्याप्त कोयला भंडार है और घबराने की जरूरत नहीं है. न्यूज एजेंसी एनएनआई ने सरकारी सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है. सूत्रों ने कहा कि कोल इंडिया लिमिटेड के पास 72.5 मिलियन टन (mt) कोयले का स्टॉक पड़ा हुआ है.


भारत में बिजली संयंत्रों में औसतन 22 मिलियन टन कोयले का भंडार है और औसतन प्रतिदिन 2.1 मिलियन टन कोयले को संयंत्रों से बदल दिया जाता है. सूत्रों ने कहा कि इसलिए देश में कोयले की कोई कमी नहीं होगी.


बिजली संयंत्रों में 10 दिनों का स्टॉक 
सूत्रों के मुताबिक भारत में बिजली संयंत्रों में अभी भी 10 दिनों का स्टॉक है और देश में 30 दिनों से अधिक का कोयला भंडार है. एएनआई के मुताबिक एक अन्य शीर्ष अधिकारी ने बताया कि कोयले की कोई कमी नहीं है, खासकर महाराष्ट्र में. सरकार ने राज्यों को बिजली संयंत्रों के साथ पीपीए की समीक्षा करने का निर्देश दिया है और महाराष्ट्र पहले से ही इसकी समीक्षा कर रहा है.


गर्मियों की शुरुआत और अर्थव्यवस्था में सुधार के कारण ऊर्जा की मांग बढ़ी. अप्रैल महीने में ही कोयले का उत्पादन 20-22 फीसदी बढ़ा है. रेल मंत्रालय ने भी रेक की उपलब्धता में 20 प्रतिशत की वृद्धि की.


एआईपीईएफ ने जताई थी बिजली संकट की आशंका 
इससे पहले अखिल भारतीय बिजली इंजीनियर महासंघ (एआईपीईएफ) ने देशभर के कोयला-आधारित बिजली उत्पादन संयंत्रों में कोयले की समुचित आपूर्ति नहीं होने से आने वाले समय में बिजली संकट पैदा होने की आशंका जताई थी.


एआईपीईएफ ने मंगलवार को जारी एक बयान में कहा कि गर्मी बढ़ने के साथ ही देश के अधिकांश राज्यों में बिजली की मांग बढ़ गई है लेकिन कोयले से चलने वाले तापीय बिजली संयंत्रों को जरूरी मात्रा में कोयला नहीं मिल पा रहा है. इसकी वजह से बिजली की मांग और आपूर्ति के बीच के फासले को पाटने में कई राज्यों को दिक्कत हो रही है.     


महासंघ के प्रवक्ता वी के गुप्ता ने कहा कि तापीय विद्युत संयंत्रों को कोयले की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित न किए जाने पर देश को बिजली संकट का सामना करना पड़ सकता है.


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