नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने कहा कि अपना आधार नंबर हासिल करने तक नागरिक पहचान के अन्य विकल्पों के जरिए लोग सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ उठा सकते हैं. कैबिनेट सचिवालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, ‘‘आधार नहीं होने पर किसी को फायदे से वंचित नहीं किया जाएगा. जब तक किसी व्यक्ति को आधार नंबर नहीं मिल जाता, तब तक पहचान के विकल्पों के आधार पर लाभ जारी रहेगा .’’ देश में अब तक 112 करोड़ से ज्यादा लोगों को आधार दिया जा चुका है .
बयान में कहा गया, ‘मिड डे मील योजना और समेकित बाल विकास योजना के मामले में स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों से कहा गया कि वे लाभार्थी बच्चों से आधार नंबर लें और यदि किसी बच्चे के पास आधार नंबर नहीं हो तो स्कूल या आईसीडीसी कर्मी को बच्चे को पंजीकरण सुविधाएं मुहैया करानी होंगी और जब तक आधार नंबर जारी नहीं कर दिया जाए, तब तक लाभ जारी रहेगा .’’ सरकार ने हाल में आदेश जारी किए थे कि भारत की संचित निधि द्वारा वित्तपोषित कई कल्याणकारी योजनाओं में आधार का इस्तेमाल किया जाए.
मिड-डे मील की सुविधा प्राप्त करने के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य करने के कुछ दिनों बाद सरकार ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि आधार कार्ड न होने पर किसी को भी योजना की सुविधा से वंचित नहीं किया जाएगा. कैबिनेट सचिवालय के एक बयान के मुताबिक, आधार कार्ड न होने पर किसी को भी सुविधा से वंचित नहीं किया जाएगा.
बयान के मुताबिक, "सरकार इस बात को दोहराती है कि जब तक हरेक व्यक्ति का आधार कार्ड नहीं बन जाता, पहचान के अन्य विकल्पों के आधार पर लाभ मिलना जारी रहेगा. आधार (पंजीकरण एवं अपडेट) अधिनियम 2016 के अधिनियम 12 के तहत लाभार्थियों को आधार पंजीकरण की सुविधा मुहैया कराने के विभाग को निर्देश दिए गए हैं."
बयान में कहा गया है, "मिड-डे मील योजना के संबंध में और एकीकृत बाल विकास योजना के तहत स्कूलों तथा आंगनवाड़ियों को लाभार्थी बच्चों के आधार कार्ड नंबर को एकत्रित करने को कहा गया है और अगर बच्चे के पास आधार नंबर नहीं है, तो स्कूल या आईसीडीएस के अधिकारी को ऐसे बच्चों को पंजीकरण सुविधा मुहैया करानी होगी और जबतक आधार कार्ड नहीं बन जाता, उन्हें सुविधाएं मिलनी जारी रहेंगी."
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने 28 फरवरी को एक शासकीय अधिसूचना में मिड-डे मिल योजना का लाभ उठाने के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य कर दिया था.
अधिसूचना में कहा गया, "स्कूलों में योजना का लाभ उठाने वाले बच्चों को आधार नंबर मुहैया कराना होगा या फिर आधार का पंजीकरण कराना होगा."
अधिसूचना के मुताबिक, "स्कूलों में प्रदान की जाने वाली योजना का लाभ उठाने के इच्छित बच्चे, जिनके पास आधार नंबर नहीं है या उन्होंने आधार के पंजीयन के लिए आवेदन नहीं किया है, उन्हें 30 जून, 2017 तक आधार पंजीकरण के लिए आवेदन करना होगा."
मिड-डे मील का लाभ उठाने के लिए आधार नंबर को अनिवार्य करने के फैसले का कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) सहित विपक्षी पार्टियों ने विरोध किया था.
मिड-डे मील केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित योजना है, जिसका उद्देश्य देशभर में स्कूल जाने वाले बच्चों के पोषण स्तर में सुधार लाना है. इस योजना के तहत सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में दोपहर का भोजन दिया जाता है. सरकार के मुताबिक, 112 करोड़ से अधिक लोगों को आधार दिया जा चुका है.