नई दिल्ली: घाटी में लगातार स्पेशल पुलिस ऑफिसर्स यानी SPO के जवान इस्तीफा दे रहे हैं. ये जवान इस्तीफे वाली वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर डालते जा रहे हैं. गुरुवार को दक्षिण कश्मीर के शोपियां में आतंकियों ने तीन पुलिसकर्मियों को अगवा कर उनकी हत्या कर दी थी. शहीदों के शव घर पहुंचे तो पूरा गांव गमगीन और खौफजदा हो गया. सूत्रों के मुताबिक खौफ की वजह से अब तक SPO के 35 जवान इस्तीफा दे चुके हैं.


गृहमंत्री ने बताया आतंकियों का प्रोपगैंडा
हालांकि, गृह मंत्रालय और स्थानीय पुलिस इस्तीफे की बात से इनकार करते हुए इसे बौखलाए आतंकियों का प्रोपगेंडा करार दिया है. मीडिया में ऐसी खबरें आईं कि जम्मू कश्मीर में कुछ एसपीओ ने इस्तीफा दे दिया है. जम्मू कश्मीर पुलिस ने पुष्टि की है कि ये खबरें गलत और प्रायोजित हैं. ये खबरें झूठे प्रोपेगेंडा से ज्यादा कुछ नहीं हैं.


गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन द्वारा तीन पुलिसकर्मियों की हत्या किए जाने के बाद किसी पुलिसकर्मी ने इस्तीफा नहीं दिया है. मंत्रालय ने ऐसी रिपोर्ट्स को शरारती तत्वों का गलत प्रचार बताया. मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि मीडिया में ऐसी खबरें हैं कि जम्मू-कश्मीर में कुछ विशेष पुलिस अधिकारियों ने इस्तीफे दिए हैं लेकिन राज्य पुलिस बल ने पुष्टि की है कि ये रिपोर्ट्स गलत और प्रेरित हैं.


बयान में कहा गया, "ये रिपोर्ट शरारती तत्वों के गलत प्रचार पर आधारित हैं." गृह मंत्रालय ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में पेशेवर और प्रतिबद्ध पुलिस बल है जो आने वाले पंचायत और शहरी निकाय चुनावों से जुड़ी चुनौतियों सहित सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. बयान में कहा गया, ''वहां 30,000 से अधिक एसपीओ हैं और समय समय पर उनकी सेवाओं की समीक्षा की जाती है. कुछ शरारती तत्व ऐसा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि वे एसपीओ जिनकी सेवाओं का प्रशासनिक कारणों से नवीनीकरण नहीं किया गया हैं उन्होंने इस्तीफा दे दिया है.''






मंत्रालय ने कहा कि जम्मू कश्मीर में आंतकवादी बैकफुट में हैं. इस साल अकेले शोपियां जिले में 28 आतंकवादियों को मार गिराया किया गया है. बयान में कहा गया, ''राज्य पुलिस की सक्रिय कार्रवाई से आंतकवादी एक क्षेत्र में सीमित कर दिए गए है जिससे वे निराश हैं.'' पुलिस ने कहा कि तीन पुलिसकर्मियों का दक्षिण कश्मीर के शोपियां में उनके घरों से अपहरण किया गया था और हिज्बुल मुजाहिद्दीन द्वारा उनकी हत्या कर दी गई.


इसके बाद ऐसी खबरें आईं थीं कि इन हत्याओं से पुलिस विभाग के निचले पदाधिकारियों में भय का माहौल है जिससे छह पुलिसकर्मियों ने इस्तीफा दे दिया है. इनमें से दो ने वीडियो मैसेज करके यह जानकारी दी थी.