भारत सरकार ने साफ कर दिया है कि कोविड-19 टीकाकरण के नतीजे में होनेवाली प्रतिकूल घटनाओं पर मुआवजे का कोई प्रावधान नहीं है. हालांकि, कोविड-19 की वैक्सीन सरकारी संस्थानों में मुफ्त उपलब्ध कराने की सुविधा दी जा रही है. संसद में एक सवाल का जवाब देते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी है.


कोविड-19 वैक्सीन से साइड-इफेक्ट्स पर नहीं है मुआवजे का प्रावधान


उसने बताया, "कोविड-19 की वैक्सीन का डोज लेनेवालों को किसी तरह का साइड-इफेट्स या मेडिकल जटिलता होने पर मुआवजे का प्रावधान नहीं है." जबकि वैक्सीन निर्माताओं के साथ सरकार का खरीद ऑर्डर कहता है कि दवा कंपनियां सभी परेशानियों की उत्तरदायी होंगी और किसी दुर्घटना के खिलाफ उसकी क्षतिपूर्ति करेंगी. एक अधिकारी ने बताया कि क्षतिपूर्ति से इंकार करने पर लोगों के लिए अदालत का दरवाजा खुला है जहां गंभीर प्रतिकूल प्रभाव के नतीजे में होनेवाले नुकसान की भरपाई का दावा कर सकते हैं.


भारत में होनेवाले मानव परीक्षण के दौरान प्रतिभागियों की खातिर मुआवजे को परिभाषित करते हुए खास नियम बनाए गए हैं, लेकिन ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के तहत आपातकालीन इस्तेमाल के लिए स्वीकृत वैक्सीन लगवाने पर होनेवाले प्रतिकूल घटना के खिलाफ मुआवजा उपलब्ध कराने का कोई तंत्र मौजूद नहीं है. ऐसे लोग कानूनी विकल्प तलाश कर सकते हैं.


अधिकारी ने बताया कि ऐसे मामलों में जिम्मेदार वैक्सीन निर्माता होंगे. इसके अलावा, टीकाकरण के बाद प्रतिकूल घटना से अस्पताल में इलाज पर हुए खर्च की क्षतिपूर्ति का अन्य उपाय है और ये बीमा नियामक की तरफ से मुहैया स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी के तहत आता है. हालांकि, 8 करोड़ से ज्यादा कोविड-19 वैक्सीन का डोज लोगों को पूरे भारत में लगाया जा चुका है, मगर अब तक गंभीर प्रतिकूल घटना के बहुत कम मामले सामने आए हैं.


केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सवाल के जवाब में संसद को दी जानकारी


कोविड-19 टीकाकरण के बाद मार्च के मध्य तक करीब 79 लोगों की मौत के मामले सामने आ चुके हैं. फिर भी, कई जन स्वास्थ्य ग्रुप जैसे अखिल भारतीय दवा एक्शन नेटवर्क ने मंत्रालय को चिट्ठी लिखकर प्रावधान को स्पष्ट करने की अपील की है. उसने मांग की है कि गंभीर प्रतिकूल प्रभाव की सूरत में कंपनियों से मुआवजा मांगने के प्रावधान को साफ-साफ बताया जाए. अमेरिका, ब्रिटेन, सिंगापुर और कनाडा समेत ज्यादातर देशों में टीकाकरण के बाद होनेवाले दुर्लभ मगर गंभीर प्रतिकूल प्रभाव पर मुआवजा देने का तंत्र मौजूद है. कुछ देश दवा कंपनियों को बीमा के माध्यम से मुआवजा अदा करने का आदेश देते हैं, जबकि अन्य जैसे अमेरिका ने इसके लिए आरक्षित फंड का प्रबंध कर रखा हैं.


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