(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
MHA on Oxygen Transport Guidelines: राज्यों में विवाद के बीच केन्द्र के निर्देश, ऑक्सीजन के मूवमेंट पर नहीं होगी कोई रोक
गृह मंत्रालय ने कहा कि परिवहन प्राधिकरणों (स्टेट अथॉरिटीज) को कहा जाएगा कि वे ऑक्सीजन लेकर जा रही गाड़ियों को अंतरराज्यीय मूवमेंट को फ्री करें.केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने गुरुवार को साफ निर्देश दिए कि राज्यों के बीच ऑक्सीजन की मूवमेंट में किसी तरह को कोई रोक नहीं लगाई जाएगी.
देशभर के अस्पतालों में ऑक्सीजन की भारी किल्लत से बदहाल कोविड-19 मरीजों के बीच दो राज्यों के टकराव के चलते केन्द्र सरकार को सामने आना पड़ा है. केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने गुरुवार को साफ निर्देश दिए कि राज्यों के बीच ऑक्सीजन की मूवमेंट में किसी तरह को कोई रोक नहीं लगाई जाएगी. इसके साथ ही, गृह मंत्रालय ने कहा कि परिवहन प्राधिकरणों (स्टेट अथॉरिटीज) को कहा जाएगा कि वे ऑक्सीजन लेकर जा रही गाड़ियों को अंतरराज्यीय मूवमेंट को फ्री करें.
ऑक्सीजन मूवमेंट पर गृह मंत्रालय के निर्देश
1-गृह मंत्रालय की तरफ से जारी निर्देश में आगे कहा गया है कि ऑक्सीजन निर्माता और इसके सप्लायर के ऊपर यह रोक नहीं लगाई जा सकती है कि वह वे सिर्फ उसी राज्य या केन्द्र शासित प्रदेश को दे जहां पर उसका उत्पादन किया जा रहा है.
2-शहरों और राज्यों के बीच बिना किसी तय समय के ऑक्सजीन गाड़ियों की मूवमेंट बिना की रोक-टोक के होगी.
3-किसी भी अथॉरिटीज की तरफ से उस क्षेत्र से ऑक्सीजन ले जा रही गाड़ी को इसलिए मजबूर नहीं किया जा सकेगा कि वे किसी खास इलाके या उस जिले में ही ऑक्सीजन दे.
No restriction shall be imposed on the movement of Medical Oxygen between the State and transport authorities shall be instructed to accordingly allow free inter-state movement of oxygen-carrying vehicles: MHA #COVID19 pic.twitter.com/EvOkeuT7By
— ANI (@ANI) April 22, 2021
ऑक्सीजन की कमी पर दिल्ली सरकार ने की अपील
इससे पहले दिल्ली समेत कई राज्यों ने अस्पतालों में ऑक्सीजन की भारी कमी को लेकर केन्द्र से इसकी सप्लाई बढ़ाने की मांग की थी. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यह आरोप लगाया कि दो पड़ोसी राज्य हरियाणा और उत्तर प्रदेश से दिल्ली में ऑक्सीजन की सप्लाई रोकी जा रही है. दूसरी तरफ दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस पूरे मामले में केन्द्र से दखल देने की मांग की थी.
मनीष सिसोदिया ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि अस्पतालों में हम अभी ऑक्सीजन के लिए अंदरूनी व्यवस्था कर रहे हैं लेकिन कुछ समय बाद लोगों की जान बचाना मुश्किल हो जाएगा. उन्होंने कहा कि दिल्ली के कुछ अस्पतालों में ऑक्सीजन पूरी तरह खत्म हो गयी है, उनके पास कोई विकल्प नहीं है. कुछ राज्य राष्ट्रीय राजधानी के हिस्से की चिकित्सीय ऑक्सीजन पर नियंत्रण हासिल करने का प्रयास कर रहे हैं.
सिसोदिया ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा कोटा बढ़ाये जाने के बावजूद हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकार ऑक्सीजन की सप्लाई रोक रही हैं. कल दिल्ली को 378 MT की जगह सिर्फ 117 MT ऑक्सीजन मिला. मैं केंद्र से विनती करता हूँ कि चाहे पैरामिलिट्री फोर्स तैनात करनी पड़े, लेकिन किसी भी हाल में ऑक्सीजन पहुंचाएं. राष्ट्रीय राजधानी में बुधवार को 24638 लोग संक्रमित हुए थे और 249 मरीजों की मौत हुई थी.
ऑक्सीजन की कमी पर सुप्रीम कोर्ट सख्त
सुप्रीम कोर्ट ने भारत में कोरोना की मौजूदा स्थिति पर स्वत: संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार को नोटिस भेजा है. सुप्रीम कोर्ट ऑक्सीजन, आवश्यक दवाओं की आपूर्ति और टीकाकरण के तरीकों से जुड़े मुद्दों पर राष्ट्रीय नीति चाहता है. कोर्ट ने कहा कि कोविड संबंधित मुद्दों पर छह अलग-अलग हाईकोर्ट का सुनवाई करना किसी तरह का भ्रम पैदा कर सकता है.
चीफ जस्टि एस ए बोबडे, जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस एस आर भट की तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि वह देश में कोविड-19 टीकाकरण के तौर-तरीके से जुड़े मुद्दे पर भी विचार करेगी. पीठ ने कहा कि वह वैश्विक महामारी के बीच लॉकडाउन घोषित करने की उच्च न्यायालयों की शक्ति से जुड़े पहलू का भी आंकलन करेगी. सुप्रीम कोर्ट ने कोविड-19 प्रबंधन पर स्वतं: संज्ञान के मामले में उसकी मदद के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे को न्याय मित्र (एमिकस क्यूरी) नियुक्त किया है. कोर्ट अब इस मामले में शुक्रवार को सुनवाई करेगा.
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