नयी दिल्ली: रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि फ्रांस के साथ हुए राफेल लड़ाकू विमानों के सौदे में कोई घोटाला नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि इससे जुड़े आरोप राजनीति से प्रेरित हैं. रक्षा मंत्री ने कांग्रेस का नाम लिए बगैर कहा कि भारत जिस कीमत पर लड़ाकू विमान खरीद रहा है और कुछ और देश जिस कीमत पर इसके लिए मोल-भाव कर रहे हैं, उनकी गलत तुलना की गई.


उन्होंने राफेल सौदे में घोटाला होने के आरोपों पर एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि वो आश्वस्त करती हैं कि राफेल में कोई घोटाला नहीं हुआ. हम इस बारे में बहुत साफ हैं. एनडीए (नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस) सरकार के चार साल पूरे होने के मौके पर निर्मला रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के साथ प्रेस के सवालों के जवाब दे रही थीं. यह पूछे जाने पर कि क्या वो भरोसा दिला सकती हैं कि राफेल सौदे में एक रुपये का भी भ्रष्टाचार नहीं हुआ, उन्होंने कहा , ‘‘बिल्कुल ’’.


उन्होंने आरोपों को ‘प्रेरित हमला’ बताया. मंत्री ने यह भी कहा कि पिछले चार साल में रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं लगा है. आपको बता दें कि भारत ने 58,000 करेड़ रुपये की लागत से 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए सितंबर 2016 में फ्रांस के साथ एक अंतर सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किया था. इन लड़ाकू विमानों की आपूर्ति सितंबर 2019 से होने की उम्मीद है.


कांग्रेस ने इन विमानों की कीमत सहित सौदे के बारे में कई सवाल खड़े किए हैं. विपक्षी पार्टी ने सरकार पर राजकोष को नुकसान पहुंचाते हुए राष्ट्रीय हित और सुरक्षा से समझौता करने का आरोप लगाया है. कांग्रेस उपकरणों और हथियारों की कीमत सहित सौदे का ब्योरा मांग रही है. पार्टी का दावा है कि उसके शासन के तहत जिस सौदे के लिए मोल भाव किया गया था वह मोदी सरकार द्वारा किए गए सौदे से काफी सस्ता था.


सरकार सौदे के बारे में संसद में कीमत का ब्योरा देने से इंकार कर रही है. इसके लिए वो 2008 के भारत-फ्रांस समझौते के गोपनीयता प्रावधानों का हवाला दे रही हैं. बताते चलें कि यूपीए सरकार ने 126 लड़ाकू विमानों के लिए 10.2 अरब डॉलर का मोल भाव किया था. लेकिन यह सौदा नहीं हो पाया था.