कोलकाता: पश्चिम बंगाल में आज पांचवें दिन भी डॉक्टरों की हड़ताल जारी है. हड़ताल के समर्थन में दिल्ली, मुंबई से लेकर राजस्थान, केरल, छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में डॉक्टर अब एकजुट नजर आ रहे हैं. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के एम्स समेत 13 अस्पतालों के जूनियर डॉक्टरों ने भी आज हड़ताल का एलान किया है.


आईएमए ने कहा है कि शुक्रवार से शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन आज और रविवार को भी जारी रहेगा. इसमें डॉक्टर काले रंग के बिल्ले लगाएंगे और धरना देने के अलावा शांति मार्च निकालेंगे. दिल्ली में आज डॉक्टरों ने काम नहीं करने का फैसला किया है. डॉक्टरों के हड़ताल और प्रदर्शनों की वजह से मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. मरीजों में भी गुस्सा देखने को मिल रहा है.


डॉक्टरों का इस्तीफा


पश्चिम बंगाल में एनआरएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हिंसा के खिलाफ जारी डॉक्टरों के आंदोलन के बीच पश्चिम बंगाल के विभिन्न सरकारी अस्पतालों के 100 से अधिक वरिष्ठ चिकित्सकों ने शुक्रवार को सेवा से इस्तीफा दे दिया. एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि कोलकाता, बर्द्धमान, दार्जिलिंग और उत्तर 24 परगना जिलों में मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के विभागाध्यक्ष समेत डॉक्टरों ने राज्य के चिकित्सा शिक्षा निदेशक को त्यागपत्र भेजा है.


ममता के प्रस्ताव को डॉक्टरों ने ठुकराया


इससे पहले शुक्रवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टरों को राज्य सचिवालय में बैठक के लिये बुलाया जिसे डॉक्टरों ने यह कहते हुए ठुकरा दिया कि यह उनकी एकता को तोड़ने की एक चाल है. ममता ने सभी राजकीय मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में सामान्य सेवाओं को बाधित करने वाले गतिरोध का हल खोजने के लिए बैठक बुलाई थी.


वरिष्ठ चिकित्सक सुकुमार मुखर्जी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को चिकित्सकों के नहीं आने पर उन्हें शनिवार शाम पांच बजे राज्य सचिवालय नाबन्ना में मिलने का समय दिया. मुखर्जी, आंदोलन में शामिल नहीं हुए अन्य वरिष्ठ चिकित्सकों के साथ ममता से मिलने गए और इस समस्या का हल निकालने के लिए सचिवालय में मुख्यमंत्री के साथ दो घंटे तक बैठक की.


इसके बाद ममता ने मेडिकल एजुकेशन के निदेशक प्रदीप मित्रा तीन-चार जूनियर डॉक्टरों को बैठक के लिये सचिवालय में बुलाने के लिये कहा. जूनियर डॉक्टरों के संयुक्त मंच के एक प्रवक्ता ने कहा, "यह हमारी एकता और आंदोलन को तोड़ने की चाल है. हम राज्य सचिवालय में किसी बैठक में शिरकत नहीं करेंगे. मुख्यमंत्री को यहां (एनआरएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल) आना होगा और कल एसएसकेएम अस्पताल के दौरे के दौरान उन्होंने हमें जिस तरह से संबोधित किया, उसके लिये बिना शर्त माफी मांगनी होगी."


कांग्रेस ने डॉक्टरों पर हमले की निंदा की, हड़ताल खत्म करने की भी की अपील


ममता ने बृहस्पतिवार को एसएसकेएम अस्पताल का दौरा करते वक्त कहा था कि बाहरी लोग मेडिकल कॉलेजों में गतिरोध पैदा करने के लिये यहां घुस आए हैं और यह आंदोनल सीपीएण और बीजेपी का षडयंत्र है. जूनियर डॉक्टर एक रोगी के परिजन द्वारा चिकित्सक से मारपीट के विरोध में आंदोलन कर रहे हैं.


डॉक्टरों ने ममता को बिना शर्त माफी मांगने को कहा, आंदोलन वापस लेने के लिए रखी छह शर्तें