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महामारी के दौरान किसी भी राज्य ने ऑक्सीजन की कमी से नहीं की मौत की पुष्टि: सरकार
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री भारती प्रवीण पवार ने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में से किसी भी राज्य ने ऑक्सीजन की कमी के कारण होने वाली मौत की पुष्टि नहीं की है.
![महामारी के दौरान किसी भी राज्य ने ऑक्सीजन की कमी से नहीं की मौत की पुष्टि: सरकार No state has confirmed death due to lack of oxygen during the pandemic Government महामारी के दौरान किसी भी राज्य ने ऑक्सीजन की कमी से नहीं की मौत की पुष्टि: सरकार](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/01/12/3b46c7db5a9a39908960bb944bc0edb1_original.png?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
सरकार ने मंगलवार को एक बार फिर संसद में कहा कि अब तक किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश ने कोविड महामारी के दौरान ऑक्सीजन की कमी के कारण होने वाली किसी मौत की पुष्टि नहीं की है. संसद में यह जानकारी स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री भारती प्रवीण पवार ने शून्यकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में दी है.
भारत सरकार रखती है मौतों के आंकड़े
भारती प्रवीण ने कहा कि चार अप्रैल 2022 की स्थिति के अनुसार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने कोविड-19 के कारण देश कुल 5,21,358 लोगों की मौत की रिपोर्ट दी है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार कोविड-19 के संबंध में राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा नियमित भेजी जाने वाली रिपोर्ट के आधार पर कुल मामलों और इसके कारण होने वाली मौतों के आंकड़े रखती है.
किसी भी राज्य ने ऑक्सीजन की कमी से होने वाली मौतों को नहीं किया है स्वीकार
पवार ने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों से अपेक्षित विवरण भेजने का अनुरोध किया है और 20 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों ने इसका जवाब दिया है और इनमें से किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश ने ऑक्सीजन की कमी के कारण होने वाली मौत की पुष्टि नहीं की है.
हर जिले में स्थापित की जा रही हैं प्रयोगशालाएं
उन्होंने कहा कि कोविड महामारी को देखते हुए सरकार ने स्वास्थ्य संबंधी व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने पर जोर दिया है और अब तीन हजार से ज्यादा प्रयोगशाला तैयार हो गई हैं वहीं हर जिले में ’पीएसए’ संयंत्र बनाया जा रहा है और अब तक चार हजार से ज्यादा ऐसे संयंत्र काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि 64,000 करोड़ रुपये का बजट स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिए दिया गया है और भविष्य के बारे में विचार करते हुए ‘बीएसएल-3’ प्रयोगशालाएं भी स्थापित की जा रही हैं.
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