नई दिल्ली: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के सामने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कश्मीर को लेकर बहुत बड़ा झूठ बोला है, ट्रंप ने ये झूठ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लेकर बोला है. इमरान खान की मौजूदगी में ट्रंप ने कहा कि कश्मीर पर मोदी ने मुझसे मदद मांगी. ट्रंप ने ये भी कहा कि कश्मीर पर मध्यस्थता करने के लिए मैं तैयार हूं. ट्रंप के बयान की गूंज आज संसद के दोनों सदनों में भी सुनाई दी. विपक्ष इस बयान को पीएम मोदी से स्पष्टीकरण की मांग कर रहा है. इस बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा में कहा कि मोदी ने कभी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से मध्यस्थता के लिए नहीं कहा.
विदेश मंत्री ने कहा, ''मैं सप्ष्ट तौर पर सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि मोदी ने कभी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से मध्यस्थता के लिए नहीं कहा. कश्मीर भारत-पाक का द्विपक्षीय मुद्दा है. इसे दोनों देश मिलकर सुलझाएंगे. पाकिस्तान पहले आतंकवाद पर लगाम लगाए. कश्मीर मसले पर शिमला और लाहौर संधि के जरिए ही आगे बढ़ेंगे.'' इससे पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता भी रवीश कुमार ने भी अमेरिकी राष्ट्रपति के बयान का खंडन किया था. उन्होंने भी कहा कि पीएम मोदी की ओर ऐसी कोई भी मांग नहीं की गई.
डोनाल्ड ट्रंप के बयान को लेकर लोकसभा में भी जोरदार हंगामा हुआ. कांग्रेस ने लोकसभा में ट्रंप के बयान का मुद्दा उठाया, जोर दार हंगामे के बाद स्पीकर ने कहा कि यह बहुत गंभीर मुद्दा है. इस पर विस्तार से चर्चा होनी चाहिए, आप लोग मुद्दा उठाएं, सरकार जवाब दे. लेकिन पहले प्रश्नकाल खत्म होने दें. कांग्रेस की ओर से अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि पीएम इस पर जवाब दें, स्पीकर ने कहा कि ऐसी मांग मत करिए, सरकार को तय करना है कि कौन जवाब देगा. वहीं राज्यसभा में कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने इस मुद्दे को उठाया और उन्होंने ने भी सदन में प्रधानमंत्री के बयान की मांग की.
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा- कश्मीर भारत द्विपक्षीय मामला
राष्ट्रपति ट्रंप के बयान के बाद अमेरिका को अपनी गलती का अहसास हो गया है. अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा है कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान का द्विपक्षीय मामला इतना ही नहीं अमेरिकी ने पाकिस्तान से आतंकवाद पर लगाम लगाने को भी कहा है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया, ''कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच का दिवपक्षीय मुद्दा है. भारत और पाकिस्तान को इस पर बातचीत करनी है. अमेरिका इस बात का स्वागत करता है कि भारत और पाकिस्तान आपस में मिलकर यह मुद्दा सुलझाएं. हालांकि अमेरिका मदद करने को तैयार है. हम ये मानते हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि पाकिस्तान अपनी जमीन पर पल रहे आतंक के खिलाफ कारगर कार्रवाई करें.''
डोनाल्ड ट्रंप ने कश्मीर को लेकर क्या दावा किया था?
अमेरिका राष्ट्रपति ने इमरान खान की मौजूदगी में कहा, ''मैं दो हफ्ते पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ था. हमारे बीच इस मसले पर बातचीत हुई. उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या आप इस मसले पर मध्यस्थता करना चाहेंगे. मैंने पूछा- कहां. उन्होंने कहा कि कश्मीर. मैं आश्चर्यचकित हो गया. यह मसला काफी लंबे समय से चला आ रहा है.'' ट्रंप ने आगे कहा, ''मुझे लगता है कि वे हल चाहते हैं, आप हल चाहते हैं और अगर मैं मदद कर सकता हूं तो मुझे मध्यस्थता करके खुशी होगी. दो बेहद शानदार देश, जिनके पास बहुत स्मार्ट लीडरशिप है वे इतने सालों से ये मसला हल नहीं कर पा रहे हैं. अगर आप चाहते हैं कि मैं मध्यस्थता करूं तो मैं यह करूंगा.''
अपने ही मुल्क में घिरे ट्रंप- अमेरिकी सांसद ब्रैड शेरमैन ने ट्रंप के बयान को शर्मिंदगी से भरा बयान बताया है. अमेरिकी सांसद ब्रैड शेरमैन ने ट्वीट किया, ''कोई भी जो दक्षिण की विदेश नीति के बारे में जानता है उसे पता है कि भारत लगातार कश्मीर मुद्दे पर तीसरे पक्ष की मध्यस्थता का विरोध करता रहा है. सभी जानते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी कभी बी ऐसा प्रस्ताव नहीं देंगे. ट्रंप का बयान बचकाना, भ्रामक और शर्मनाक है. '' इतना ही नहीं ब्रैड शेरमैन ने ट्रंप के बयान के लिए अमेरिका में भारत के राजदूत से माफी भी मांगी. उन्होंने एक दूसरे ट्वीट में लिखा, ''मैं भारतीय राजदूत हर्ष श्रींग्ला से ट्रंप की बचकानी और शर्मनाक गलती के लिए माफी मांगता हूं."