नई दिल्ली: कोरोना को खतरे देखते हुए केंद्र सरकार ने इस बार शीतकालीन सत्र ना बुलाने का फैसला किया है. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी को पत्र लिखकर कर सूचित किया है.
प्रह्लाद जोशी ने लिखा कि कोविड संक्रमण के फैलाव और उसके खतरे को देखते हुए तमाम दूसरे दलों के संसदीय दल के नेताओं से बात करने के बाद शीतकालीन सत्र नहीं बुलाने का फैसला किया है. हालांकि अधीर रंजन चौधरी को लिखी अपनी चिट्ठी में संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने जनवरी 2021 मे संसद का बजट सत्र बुलाने का आश्वासन दिया है.
इससे पहले किसानों की मांगो पर चर्चा कर तीनों संबंधित कानून वापस लेने की मांग करते हुए अधीर रंजन चौधरी ने संसद सत्र बुलाने की मांग की थी. सरकार के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए अधीर रंजन चौधरी ने एबीपी न्यूज़ से कहा, ''देश में कई राज्यों में विधानसभा हो सकती है, कई संस्थाएं चल सकती हैं पर संसद नहीं बुलाई जा सकती. पिछला संसद का सत्र तब हुआ जब कोविड अपने चरम पर था. साफ है सरकार किसानों की मांगो के डर से कोविड को बहाना बना कर संसद सत्र नहीं बुला रही.''
क्या कहते हैं देश को कोरोना से जुड़े आंकड़े
भारत में करीब पांच महीने बाद कोविड-19 के 23 हजार से कम नए मामले सामने आए. वहीं मरीजों के ठीक होने की दर भी 95 प्रतिशत से अधिक हो गई है. कोविड-19 के 22,065 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 99,06,165 हो गए. वहीं 354 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 1,43,709 हो गई. आंकड़ों के अनुसार कुल 94,22,636 लोगों के संक्रमण मुक्त होने के साथ ही देश में मरीजों के ठीक होने की दर बढ़कर 95.12 प्रतिशत हो गई. वहीं कोविड-19 से मृत्यु दर 1.45 प्रतिशत है.
देश में सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितम्बर को 40 लाख के पार चली गई थी. वहीं, कुल मामले 16 सितम्बर को 50 लाख, 28 सितम्बर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख और 20 नवम्बर को 90 लाख के पार चले गए थे.
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