Manipur Violence: हिंसाग्रस्त राज्य मणिपुर में सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की तमाम सख्तियों के बावजूद हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. खुद भारतीय सेना और सरकार की मानें तो हालात में कोई सुधार होता हुआ नहीं दिख रहा है. तो वहीं दूसरी तरफ हिंसा के चलते सरकारी संस्थानों में कोई भी कर्मचारी काम पर नहीं लौटा है. अब ऐसे लोगों के खिलाफ सरकार सख्त हो गई है और उसने नो वर्क-नो पे का व्हिप जारी कर दिया है. 


इसका मतलब है कि अब से जो भी सरकारी कर्मचारी अपनी ड्यूटी पर नहीं लौटता है सरकार उसको उस दिन का पैसा नहीं देगी. अगर तन्खवाह चाहिए तो आपको काम पर लौटना ही लौटना पडेगा. सरकार के इस फैसले के बाद कितने कर्मचारी वापस काम पर लौटते हैं ये बाद की बात है. हमें मिली जानकारी के मुताबिक लगभग एक लाख से अधिक लोगों पर इस फैसले का असर पडेगा, क्योंकि इतने लोग हिंसा शुरू होने के बाद से काम पर वापस नहीं लौटे हैं.


अनुपस्थित कर्मचारियों की मांगी गई डिटेल
व्हिप जारी होने के बाद से प्रशासनिक अधिकारियों ने 28 जून तक उन कर्मचारियों की डिटेल देने को कहा है जो राज्य में हिंसा की मौजूदा स्थिति के कारण अपने काम नहीं कर पा रहे हैं. उनसे उनके पद, उनका कर्मचारी संख्या और बाकी आधिकारिक डिटेल मांगी गई हैं. वहीं इन सब के बीच राज्य के सीएम एन बीरेन सिंह का बयान सामने आया है जोकि दिल्ली में राज्य के गृहमंत्री अमित शाह से मिलने आए थे.


उन्होंने मीडिया से बातचीत में यह दावा किया कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार काफी हद तक स्थिति पर नियंत्रण पाने में सक्षम है. उन्होंने दावा किया कि 13 जून के बाद से राज्य में किसी भी तरह की हिंसा में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है.


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