नई दिल्ली: बाल अधिकार कार्यकर्ता और नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी का नोबेल प्रशस्ति पत्र उनके दक्षिण दिल्ली स्थित घर से चोरी हो गया था. सत्यार्थी का प्रशस्ति पत्र एक महीने से अधिक समय के बाद संगम विहार में जंगल से बरामद किया गया है.
सत्यार्थी ने दिल्ली पुलिस को धन्यवाद देते हुए कहा, ‘‘मैं नोबेल प्रतिकृति और मूल प्रशस्तिपत्र बरामद करने के लिए दिल्ली पुलिस द्वारा किए गए प्रयासों के लिए उनका आभार व्यक्त करता हूं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं एक पुलिसकर्मी का बेटा हूं. मैंने देश के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और जिम्मेदारी को हमेशा समझा है.’’ सत्यार्थी को साल 2014 में पाकिस्तान की बाल अधिकार कार्यकर्ता मलाला यूसुफजई के साथ नोबेल पुरस्कार संयुक्त रूप से दिया गया था.
कार्यकर्ता के दक्षिणपूर्वी दिल्ली के कालका जी स्थित घर से नोबेल प्रतिकृति, प्रशस्तिपत्र और अन्य मूल्यवान चीजों की चोरी के संबंध में 12 फरवरी को तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था. कार्यकर्ता के घर पर छह-सात फरवरी की रात में चोरी हुई थी.
चोरी की घटना के बाद जहां प्रतिकृति और दूसरी मूल्यवान चीजें बरामद कर ली गई थी, वहीं प्रशस्ति पत्र अब तक नहीं मिला था. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि इसे संगम विहार क्षेत्र के पीछे के जंगल से कल बरामद कर लिया गया.
उन्होंने बताया कि प्रशस्ति पत्र तलाश करने का काम दो दिन तक चला. इस तलाश में पुलिस बल और डॉग स्क्वॉयड लगे हुए थे.
अधिकारी ने बताया कि प्रशस्ति पत्र पुरानी अवस्था में ही बरामद हुआ है. आरोपी ने इसे कागज का टुकड़ा समझकर जंगल में फेंक दिया था. प्रशस्ति पत्र के साथ कई अन्य चीजें बरामद हुई हैं.
उन्होंने साल 2015 के जनवरी महीने में अपना नोबेल पदक राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को सौंप दिया था. वास्तविक मेडल फिलहाल राष्ट्रपति भवन के संग्रहालय में रखा हुआ है.