नई दिल्ली: नोबेल पुरस्कार 2018 की घोषणा हो गई है. इस साल डेनिस मुकवेगे और आईएस के आतंक का शिकार हुई यजीदी रेप पीड़िता नादिया मुराद को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए चुना गया. पुरस्कार चयन समिति ने कहा, 'दोनों ही विजेताओं को युद्ध क्षेत्र में यौन हिंसा को हथियार की तरह इस्तेमाल किए जाने की मानसिकता के खिलाफ सराहनीय काम किया है. यौन हिंसा के खिलाफ इनके सर्वोच्च योगदान को देखते हुए नोबेल शांति सम्मान दिया जा रहा है।'


अब आप सबके दिमाग में प्रश्न उठ रहा होगा कि आखिर यह अवार्ड कैसे मिलता है और यह नोबेल पुरुस्कार है क्या. आज हम आपको नोबल पुरस्कार से संबंधित सारी बता बताने जा रहे हैं.


क्या नोबेल पुरस्कार

यह पुरस्कार शांति, साहित्य, फिजिक्स, मेडिसिन, इकोनॉमिक्स के क्षेत्र में सबसे बड़ा पुरस्कार माना जाता है. द रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेस फिजिक्स और इकोनॉमिक्स के लिए , कारोलिंस्का इंस्टीट्यूट औषधी के क्षेत्र में और नॉर्वेजियन नोबेल समिति शांति के क्षेत्र में अवार्ड देती है. जो भी व्यक्ति अवार्ड जीतता है उसे एक मेडल , एक डिप्लोमा और धनराशी मिलती है.


कैसे शुरू हुआ नोबेल पुरस्कार


यह पुरस्कार नोबेल फाउंडेशन स्वीडन के वैज्ञानिक अल्फ्रेड बर्नाड की याद में देता है. अल्फ्रेड बर्नाड की 1896 में मृत्यु हो गई. मृ्त्यु से पहले वह अपनी संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा ट्रस्ट को दे गए. उन्होंने कहा कि इन पैसों के ब्याज से मानव जाति के लिए काम करने वाले लोगों के हर साल सम्मानित किया जाए. स्वीडिश बैंक में जमा इस राशि के ब्याज से हर साल अवार्ड वीनर्स को धनराशि दी जाती है.


क्या है नोबेल फाउंडेशन


इसकी स्थापना 29 जून 1900 में में हुई, 1901 से यह नोबेल पुरुस्कार दिया जाने लगा. नोबेल फाउंडेशन 5 लोगों की टीम है. इन पांच लोगों की टीम का मुखिया स्वीडन के किंग ऑफ काउंसिल द्वारा तय किया जाता है. मुखिया के अलावा अन्य चार सदस्यों का चुनाव ट्रस्टियों द्वारा किया जाता है. स्टॉकहोम में नोबेल पुरस्कार समारोह होता है. 1901 में जब इसकी शुरुआत हुई तो उसमें अर्थशास्त्र, में अवार्ड दिए जाने को लेकर कोई जिक्र नहीं था. 1968 में स्वीडन की केंद्रीय बैंक ने अपनी 300वीं वर्षगांठ पर इसकी शुरुआत की.


 नोबेल के लिए कैसे भरे नामांकन और क्या है चयन प्रक्रिया


नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकन किसी भी व्यक्ति द्वारा जो नामांकन मानदंडों को पूरा करे वह भर सकता है. नामांकन भरने के लिए निमंत्रण पत्र की जरूरत नहीं है. नामांकन करने वाले व्यक्ति की जानकारी 50 साल बाद तक भी गुप्त रखा जाता है. नॉर्वेजियन नोबेल समिति नामांकन किए गए लोगों में से नोबेल शांति पुरस्कार विजेताओं का चयन करती है.


सितंबर महीने से नामांकन भरने की प्रक्रिया शुरू होती है. 1 फरवरी से पहले नामांकन भेजा जा सकता है. इसके बाद समिती इन नामों पर चर्चा करती है और फरवरी से मार्च महीने के बीच एक लिस्ट तैयार की जाती है. इसके बाद इसे मार्च से अगस्त तक एडवाइजर रिव्यू के लिए भेजा जाता है. अक्टूबर में समिति नाम का चयन करती है. चयन, समिति के सभी सदस्यों के वोटिंग के आधार पर होती है. इसके बाद विजोताओं के नाम की घोषणा होती है. दिसंबर में उन्हें पुरस्कार दिया जाता है.


नोबेल पुरस्कार से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य जो आपको जानने चाहिए


1-शांति के लिए दिए जाने वाला पुरस्कार ओस्लो में जबकि बाकी सभी अवार्ड स्टॉकहोम में दिए जाते हैं.


2-किसी एक क्षेत्र में एक साल में अधिकतम 3 लोगों को अवार्ड दी जा सकती है.


3-अगर एक ही पुरस्कार 2 व्यक्तियों को सांझा रूप से मिला है तो धनराशि दोनों में बांटी जाएगी.


किन भारतियों को मिला है अब तक नोबेल पुरुस्कार


भारत में अहिंसा की बदौलत आजादी दिलाने वाले महात्मा गांधी को 5 बार नामांकन मिला लेकिन उन्हें शांति का नोबेल पुरुस्कार कभी नहीं मिला. जिन भारतयी तो नोबेल पुरुस्कार मिला उनके नाम हैं- रविंद्रनाथ टैगोर, हरगोविंद खुराना, सीवी रमण, वीएएस नायपॉल, वेंकट रामाकृष्णन, मदर टेरेसा, सुब्रमष्यम चंद्रशेखर, कैलाथ सत्यार्थी, आरके पचौरी और अमर्त्य सेन.