Amartya Sen On Mamata Banerjee: नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने दावा किया है कि पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) में अगला प्रधानमंत्री बनने का माद्दा है. अमर्त्य सेन (Amartya Sen) ने शनिवार (14 जनवरी) को कहा कि, "तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी में भारत का अगला प्रधानमंत्री बनने का माद्दा है, लेकिन अभी यह स्थापित नहीं हुआ है कि क्या पश्चिम बंगाल की सीएम में बीजेपी के प्रति जनता की निराशा की ताकतों को खींचने की क्षमता है." 


नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन ने ये भी कहा कि, "ये सोचना भूल होगी कि 2024 का लोकसभा चुनाव एकतरफा तरीके से बीजेपी के पक्ष में होगा." उन्होंने कहा कि, "आगामी आम चुनाव में क्षेत्रीय दलों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी." अमर्त्य सेन ने पीटीआई से कहा कि, "मुझे लगता है कि क्षेत्रीय दलों की भूमिका स्पष्ट रूप से महत्वपूर्ण है. मुझे लगता है कि द्रमुक एक महत्वपूर्ण दल है, टीएमसी निश्चित तौर पर महत्वपूर्ण है और समाजवादी पार्टी का भी कुछ प्रभाव है, लेकिन क्या इसे बढ़ाया जा सकता है, यह मुझे नहीं मालूम है." 


अमर्त्य सेन ने बीजेपी को लेकर क्या कुछ कहा?


अमर्त्य सेन ने कहा कि, "मुझे लगता है कि यह मानने से इनकार करना एक भूल होगी कि कोई अन्य पार्टी बीजेपी का स्थान नहीं ले सकती है, क्योंकि उन्होंने खुद को ऐसी पार्टी के रूप में स्थापित किया है, जिसका शेष देश के मुकाबले हिंदुओं के प्रति झुकाव है." उन्होंने कहा कि, "बीजेपी ने भारत के दृष्टिकोण को काफी हद तक कम किया है. उसने महज हिंदू भारत और हिंदी भाषी भारत की विचारधारा को काफी मजबूती से उठाकर भारत की समझ को संकीर्ण कर दिया है. अगर आज भारत में बीजेपी का कोई विकल्प नहीं पेश किया जाता है, तो यह दुख की बात होगी." 


कांग्रेस को 'कमजोर' करार दिया


उन्होंने कहा कि, "अगर बीजेपी मजबूत और शक्तिशाली लगती है, तो उसकी कमजोरियां भी हैं. मुझे लगता है कि अन्य राजनीतिक दल अगर वाकई कोशिश करें, तो एक चर्चा शुरू कर सकते हैं." नोबेल पुरस्कार विजेता ने दूसरी ओर कांग्रेस को 'कमजोर' करार दिया. हालांकि उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि केवल सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस ही अखिल भारतीय दृष्टि प्रदान कर सकती है. 


अमर्त्य सेन ने कहा कि, "ऐसा लगता है कि कांग्रेस काफी कमजोर हो गयी है और मुझे नहीं पता कि कोई कांग्रेस पर कितना निर्भर रह सकता है. दूसरी ओर कांग्रेस निश्चित तौर पर अखिल भारतीय दृष्टिकोण देती है, जो कोई दूसरी पार्टी नहीं कर सकती, लेकिन कांग्रेस के भीतर विभाजन है." अमर्त्य सेन (Amartya Sen) की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब अगले आम चुनाव में केवल 15 महीने से भी कम वक्त बचा है. साथ ही इस साल बीजेपी शासित कर्नाटक और मध्य प्रदेश, और कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ और राजस्थान सहित नौ राज्यों में चुनाव होंगे. 


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