Oil From Russia: रूस से तेल खरीदने को लेकर भारत ने बड़ा बयान जारी करते हुए अपना रुख स्पष्ट कर दिया है. केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) ने कहा कि अपनी जनता को ऊर्जा उपलब्ध कराना भारत सरकार का नैतिक कर्तव्य है. भारत सरकार को जहां से भी तेल मिलेगा वह खरीदना जारी रखेगी. पुरी ने इसपर भी जोर दिया कि किसी ने भारत को रूस से तेल खरीदने से मना नहीं किया है.
दरअसल, रूस-यूक्रेन युद्ध का दुनिया के ऊर्जा मंत्र पर दूरगामी प्रभाव हो रहा है और मांग व आपूर्ति में असंतुलन के कारण पुराने व्यापारिक संबंध भी खराब हो रहे हैं. इसके कारण दुनिया में तमाम उपभोक्तओं और व्यापार एवं उद्योग के लिए ऊर्जा की कीमत बढ़ गई है. आम जनता के साथ-साथ उद्योगों की जेबों और देशों की अर्थव्यवस्था पर भी इसका कुप्रभाव साफ-साफ दिखने लगा है.
50 गुना बढ़ा रूस से कच्चे तेल का आयात
भारत द्वारा रूस से कच्चे तेल का आयात अप्रैल से अभी तक 50 गुना से ज्यादा बढ़ गया है. भारत फिलहाल कुल कच्चा तेल आयात का 10 फीसदी हिस्सा रूस से मंगवा रहा है. यूक्रेन युद्ध से पहले भारत रूस से महज 0.2 फीसदी आयात करता था. पुरी ने यहां भारतीय पत्रकारों के एक समूह से कहा, ‘‘भारत को जहां से तेल मिलेगा, वह खरीदेगा क्योंकि इस तरह की चर्चा भारत की उपयोक्ता आबादी से नहीं की जा सकती है.’
भारत-अमेरिका ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि उन्होंने भारत-अमेरिका ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर के विषय पर चर्चा की. अमेरिका के ऊर्जा विभाग के सचिव के साथ एक प्रतिबंधात्मक सत्र में इस विषय पर आदान-प्रदान हुआ, जिसे एक सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली. उन्होंने बताया कि दोनों देश इस नए कॉरिडोर में क्या-क्या हो सकता है, इसकी रूपरेखा देख रहे हैं:
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