Jewar Airport: यूपी चुनाव के ठीक पहले नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का शिलान्यास कर पीएम नरेंद्र मोदी ने मास्टर स्ट्रोक खेल दिया है. क्योंकि नोएडा एयरपोर्ट न सिर्फ जेवर के विकास के पहिये को आगे बढ़ाने वाला है, बल्कि सबकुछ वैसा रहा, जैसा कि सरकार ने मास्टर प्लान तैयार किया, तो पूरे एनसीआर की तस्वीर बदल जाएगी और जेवर भारत के मानचित्र पर हमेशा के लिए दर्ज हो जाएगा. माना जा रहा है कि कनेक्टिविटी के लिहाज से जेवर एयरपोर्ट देश मे पहला ऐसा एयरपोर्ट होगा, जिसके टर्मिनल को सीधे तौर पर रैपिड रेल, एक्सप्रेस मेट्रो और एक्सप्रेस वे जोड़ा जाएगा. जिससे कई राज्य के लोग आसानी से पहुंच सकेंगे. यही कारण है कि जेवर एक नए इंडस्ट्रियल क्लस्टर में तब्दील भी हो रहा है. 


जेवर एयरपोर्ट से बदल जाएगी NCR की तश्वीर


सरकार के सूत्रों की मानें तो अब तक एयरपोर्ट के अलावा 18 हजार करोड़ का निवेश आ चुका है. जबकि 40 हजार करोड़ का निवेश प्रस्तावित है. नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर के नंगला गांव की जमीन पर बन रहा है. जो दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से करीब 70 किलोमीटर दूर है. यही नहीं नोएडा के परी चौक से करीब 40 किलोमीटर की दूरी पर है. आज के हिसाब से देखा जाए तो जेवर जो दिल्ली,नोएडा, गुड़गांव और फरीदाबाद जैसे शहरों से 30 से 70 किलोमीटर की दूरी पर दिखाई पड़ता है. लेकिन जैसा सरकार का मास्टर प्लान है उसपर गौर करें तो जेवर आने वाले दिनों में सबसे कनेक्टेड एयरपोर्ट साबित होने वाला है. 


ट्रैफिक का दबाव होगा कम


सरकार ने ना सिर्फ दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे से यमुना एक्सप्रेस वे को जोड़ने के लिए योजना बनाई है. बल्कि दिल्ली एयरपोर्ट से जेवर के बीच सीधी एक्सप्रेस मेट्रो का खाका खींचा है. जिसमें नई दिल्ली रेलवे स्टेशन और नोएडा- ग्रेटर नोएडा को भी जोड़ा जाएगा. यही नहीं दिल्ली-आगरा के बीच शुरू की जाने वाली रैपिड रेल को भी जेवर एयरपोर्ट के टर्मिनल से होकर निकाला जायेगा. सरकार की मंशा है कि न सिर्फ जेवर एयरपोर्ट को पूरे एनसीआर से सीधे कनेक्ट कर दिया जाए बल्कि दिल्ली एयरपोर्ट और राजधानी दिल्ली पर पड़ रहे ट्रैफिक के दबाव को भी कम किया जा सके. 


 हजारों करोड़ का निवेश प्रस्तावित


जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के साथ आने वाले प्रोजेक्ट पूरे नोएडा और एनसीआर की सूरत बदलने वाले हैं. एयरपोर्ट के साथ-साथ फिल्म सिटी, अपरेल पार्क, टॉय पार्क, मेडिकल डिवाइस पार्क अपने साथ बड़ा निवेश लेकर आने वाले हैं. सबकुछ ठीक ठाक रहा तो करीब डेढ़ लाख करोड़ का निवेश होगा. जो पूरे उत्तर प्रदेश के लिए गेम चेंजर साबित होने वाला है. कनेक्टिविटी के लिहाज से अब तक का ये सबसे महत्वपूर्ण एयरपोर्ट होगा. एयरपोर्ट से 28 जिले पश्चिमी यूपी के इंटरलैंड होंगे. वही हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड, दिल्ली को सीधे फायदा पहुंचेगा. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस और यमुना एक्सप्रेस वे के बीच नया ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस बनेगा. जो अपने आप में पहला प्रयोग होगा.


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