Shrikant Tyagi Criminal Record: नोएडा की ओमैक्स सोसायटी (Omax Society) में महिला के अभद्र व्यवहार करने के बाद चर्चा में आया गालीबाज नेता श्रीकांत त्यागी (Shrikant Tyagi) की आपराधिक कुंडली (Criminal Record) सामने आ गई है. सरकार का इशारा मिलते ही पूरा सरकारी अमला त्यागी के कागज चेक करने में लग गया. त्यागी की कुंडली सामने आने के बाद योगी सरकार (Yogi Government) का चाबुक उस पर चलने लग गया है.
सोसायटी में अवैध निर्माण पर बुलडोजर (Bulldozer) चल गया. उसकी 15 दुकानों पर जीएसटी (GST) चोरी का केस बना. सिक्योरिटी के लिए गनर किसके कहने पर लगे पता लग गया है. 6 पुलिस वाले सस्पेंड किए जा चुके हैं. ताबड़तोड़ छापेमारी के बाद पुलिस (Police) ने त्यागी को मेरठ से गिरफ्तार कर लिया है. त्यागी के साथ 4 और लोगों की भी गिरफ्तारी हुई है.
इससे पहले श्रीकांत त्यागी ने कोर्ट में सरेंडर करने की अर्जी लगाई थी जिसे खारिज कर दिया गया है. त्यागी नोएडा की पॉश सोसायटी ओमैक्स में रहता है और भंगेल में उसका ऑफिस है जहां से वो अपना नेटवर्क ऑपरेट करता है. श्रीकांत त्यागी की पावर का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वो फरार है और पुलिस उसकी तलाश कर रही है लेकिन उसके गुंडे उस महिला का पता पूछते हैं जिसने श्रीकांत त्यागी का विरोध किया था. उसकी इस हरकत से ये तो साफ हो गया है कि वो कोई छोटा मोटा गुंडा नहीं है उसका नेटवर्क बहुत बड़ा है.
बड़े-बड़े नेताओं से पहचान, देर रात तक चलती मीटिंग्स
श्रीकांत त्यागी खुद को व्हाइट कॉलर वाले नेता के तौर पर प्रोजेक्ट करता था. पॉलिटिकल मीटिंग्स का सिलसिला चलता था जिसमें बड़े-बड़े नेताओं को बुलाता था. गाड़ियों के अच्छे खासे काफिले में आते थे नेता. श्रीकांत त्यागी कितना रसूख वाला था इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसके घर में घुसने से पहले पुलिस बैरिकेडिंग, बूम बैरियर और मेटल डिटेक्टर से चेकिंग हुआ करती थी. बिना चेकिंग के किसी को भी एंट्री की इजाजत नहीं थी.
श्रीकांत त्यागी की आपराधिक कुंडली
श्रीकांत त्यागी के खिलाफ ओमैक्स सोसायटी के मामले से पहले भी कई मामले दर्ज हैं. त्यागी के खिलाफ पहला मुकदमा साल 2007 में आईपीसी की धारा 387 के तहत नोएडा के फेस 2 पुलिस स्टेशन में दर्ज हुआ था. इसके बाद उसके खिलाफ साल 2007 में ही ¾ गुंडा एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ. तीसरा साल 2008 में नोएडा के सेक्टर 39 के पुलिस स्टेशन में IPC 323, 325, 506, 427, 308 के तहत दर्ज किया गया. चौथा मुकदमा उसके खिलाफ साल 2009 में IPC 147, 336, 427, 504 और 7 कि. ला. एक्ट के तहत दर्ज किया गया.
पांचवा मुकदमा IPC 147, 148, 336, 341, 427, 7 कि. ला. एक्ट और 2/3 क्षति निवारण अधिनियम के तहत साल 2009 में त्यागी के खिलाफ रजिस्टर्ड हुआ. इसके बाद छठी FIR त्यागी के खिलाफ साल 2015 में IPC 147, 315 और 506 के तहत दर्ज की गई. सातवीं फिर त्यागी के खिलाफ साल 2020 में नोएडा के फेस 2 थाने में IPC 323, 504, 506, 307 दर्ज हुई. आठवीं और नौवीं FIR ग्रैंड ओमैक्स सोसाइटी मामले में त्यागी के खिलाफ दर्ज की गई.
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