नोएडा: मेडिकल स्टाफ को कोरोना होने से दूसरे मरीज हुए परेशान, जिला अस्पताल का लेबर रूम हुआ सील
स्वास्थ्य कर्मियों के कोरोना संक्रमित होने के कारण मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.बढ़ते कोरोना के कहर के कारण जिला अस्पताल का लेबर रूम सील कर दिया गया है.
नई दिल्ली: कोरोना संक्रमण काल में बाकी बीमारी से ग्रसित लोगों के सामने भी परेशानी खड़ी हो गई है. क्योंकि जैसे-जैसे दिन आगे बढ़ रहे हैं और कोरोना संक्रमित डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ की खबर सामने आ रही है उसके चलते अस्पताल भी खासियत एहतियात बरत रहे हैं.
साथ ही जहां पर डॉक्टर या स्वास्थ्य कर्मी संक्रमित पाए जा रहे हैं वहां पर अस्पतालों को सील तक किया जा रहा है. ऐसे ही फैसला नोएडा जिला अस्पताल में भी लिया गया. जहां पर लेबर रूम में एक स्वास्थ्य कर्मचारी में कोरोना संक्रमण पाए जाने के बाद से नोएडा जिला अस्पताल के लेबर रूम को सील कर दिया गया है. लेबर रूम सील होने की वजह से अब जो मरीज आपात स्थिति में भी वहां पहुंच रहे हैं उनको भी दूसरे अस्पताल भेजा जा रहा है.
नोएडा के जिला अस्पताल का लेबर रूम किया गया सील
नोएडा के जिला अस्पताल के लेबर रूम के सील होने के बाद अब वहां पहुंचने वाले लोगों के सामने भी परेशानी खड़ी हो गई है. अस्पताल की सुरक्षा में तैनात सुरक्षा कर्मियों का कहना है कि फिलहाल अस्पताल के अंदर जाने की इजाजत उन्हीं लोगों को है जिनके अंदर कोरोना संक्रमित होने के कोई लक्षण पाए जाते हैं. अस्पताल के अंदर सिर्फ वही लोग जा सकते हैं जिनमें सर्दी, जुखाम, बुखार जैसे लक्षण दिख रहे हैं.
इसके अलावा किसी को अंदर जाने की इजाजत नहीं है. यह फैसला तब लिया गया है जब जिला अस्पताल के लेबर रूम में एक स्वास्थ्य कर्मी कोरोना संक्रमित पाई गईं. सामने आयी जानकारी के मुताबिक नोएडा के जिला अस्पताल के लेबर रूम में औसतन हर दिन में एक दर्जन से ज्यादा बच्चों का जन्म होता है, लेकिन कोरोना संक्रमित मरीज सामने आने के बाद फिलहाल वह सील है.
लेबर रूम सील होने से आपात स्थिति में अस्पताल पहुंच रहे लोगों को हो रही परेशानी
जिला अस्पताल पहुंच रहे लोगों को अब परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ऐसा ही एक परिवार उमर फारूक और खमीदा का एबीपी न्यूज़ को अस्पताल के बाहर मिला. खमीदा दो महीने की प्रेग्नेंट है लेकिन पेट में चोट लगने के कारण अब उसकी तबीयत लगातार खराब होती जा रही है. उमर फारूक अपनी पत्नी खमीदा को लेकर अस्पताल पहुंचता जरूर है लेकिन उसको अस्पताल के अंदर जाने की इजाजत नहीं दी जाती.
सुरक्षाकर्मियों का कहना है कि अस्पताल के अंदर कोरोना वायरस से जुड़े लोग ही जा सकते हैं. इस वजह से भले ही खमीदा की हालत खराब भी हो रही थी लेकिन उमर फारूक को अंदर जाने की इजाजत नहीं दी गई और उसको सेक्टर 82 के दूसरे अस्पताल में जाने को कहा गया.
नोएडा में संक्रमण से ठीक होने वाले लोगों का प्रतिशत भी बढ़ा
फिलहाल नोएडा में कुल कोरोना संक्रमित व्यक्तियों की संख्या 129 तक पहुंच गई है. जिसमें सात स्वास्थ्य कर्मी भी शामिल हैं हालांकि राहत की बात बस इतनी है कि इन 129 में से 71 लोग कोरोना वायरस को मात देकर स्वस्थ भी हो चुके हैं. लेकिन जिस तरह से स्वास्थ्य कर्मियों में संक्रमित होने के लक्षण सामने आए हैं उसने प्रशासन की चिंताओं को बढ़ा भी दिया है.
ये भी पढ़ें-
सोने में आज दिखी गिरावट, चांदी भी हुई सस्ती, जानें आज के गोल्ड-सिल्वर के दाम
हर्षा भोगले ने बताया अपना पसंदीदा कप्तान, कहा- इन्होंने भारतीय क्रिकेट को बदल दिया