नोएडा में GST के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वाले गैंग का भंडाफोड़, ऐसे बनाते थे लोगों को टारगेट
Noida News: नोएडा पुलिस के अनुसार जीएसटी के फर्जीवाड़े के मामले में गिरफ्तार किए गए पहले मॉड्यूल के आठ सदस्य मधु विहार में ऑफिस चला रहे थे.
Noida News: नोएडा पुलिस ने जीएसटी के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वाले एक गैंग का भंडाफोड़ किया है. ये गैंग दो मॉड्यूल में काम करता था. पहले मॉडल का काम फर्जी दस्तावेजों के आधार पर एक फर्जी फर्म को तैयार करना होता था और फिर उस फर्जी फर्म को दूसरे मॉड्यूल को बेच दिया जाता था. दूसरा मॉडल उस फर्जी फर्म के जरिए बगैर किसी खरीद-फरोख्त के फर्जी बिलिंग के माध्यम से सरकार से जीएसटी रिफंड प्राप्त करता था.
नोएडा पुलिस का दावा है कि ये गैंग एक माह में एक फर्म से लगभग 2 से 3 करोड़ की बिलिंग करता था. पुलिस ने इस गैंग के पहले मॉड्यूल को गिरफ्तार किया है, जिसमें 8 सदस्य हैं. उनके पास से 2660 फर्जी फर्म का डाटा बरामद किया गया है.
पुलिस ने 8 लोगों को किया गिरफ्तार
गौतमबुद्ध नगर के पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह का कहना है कि हमें मई महीने में एक शिकायत मिली थी. जिसके बाद हम लोगों ने जांच शुरू की और उस जांच के आधार पर इस गैंग का भंडाफोड़ किया गया है. फिलहाल 8 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. ये गैंग फर्जी दस्तावेजों के आधार पर फर्जी फर्म तैयार किया करता था और फिर उन फर्जी फर्म के नाम पर फर्जी बिलिंग कराते हुए सरकार से जीएसटी रिटर्न हासिल करता था.
पुलिस कमिश्नर ने कहा, हम लोगों ने इस संबंध में जीएसटी काउंसिल, इनकम टैक्स और ईडी को भी सूचित किया है. एक अंदाजे के अनुसार एक फर्जी फर्म से महीने में दो से तीन करोड़ की बिलिंग कराई जा रही थी. इनके कब्जे से ढाई हजार से ज्यादा फर्जी फर्म का डाटा मिला है. अंदाजा है कि ये लोग अलग-अलग फर्जी फर्म के माध्यम से 1 महीने में लगभग 1000 करोड़ कि फर्जी बिलिंग करा रहे थे. अभी इस गैंग के दूसरे मॉड्यूल की तलाश की जा रही है. फिलहाल जो लोग गिरफ्तार किए गए हैं, वो पहले मॉड्यूल से संबंध रखते हैं, जिनका काम फर्जी फर्म रजिस्टर कराना होता है.
इतना सामान किया गया बरामद
नोएडा पुलिस के अनुसार जीएसटी के फर्जीवाड़े के मामले में गिरफ्तार किए गए पहले मॉड्यूल के आठ सदस्य मधु विहार में ऑफिस चला रहे थे. यहां से पुलिस ने रेड करते हुए 20 से ज्यादा कंप्यूटर और अन्य दस्तावेज तैयार किए हैं. पुलिस का दावा है कि इस ऑफिस में फर्जी फर्म को रजिस्टर कराने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार किए जाते थे.
ऐसे बनाते थे लोगों को टारगेट
ठगों का पहला मोड्यूल आधार कार्ड और पैन कार्ड के लिए ऐसे लोगों को टारगेट करते थे, जो पढ़े लिखे नही होते और नशे के आदी होते थे. इन लोगों से इनके आधार पर अपना दिया मोबाइल नम्बर लिंक करवाते थे और बदले में 1000 रुपये से 1500 रुपये देते थे. इस आधार के जरिये पैन कार्ड तैयार कराया जाता था और फिर इन फर्जी दस्तावेजों की मदद से फर्जी फर्म रजिस्टर कराई जाती थी.
पुलिस ने पहले मोड्यूल के मास्टरमाइंड समेत 8 शातिर ठगों को गिरफतार किया है. आरोपियों के नाम मोहम्मद यासीन शेख, अश्वनि पाण्डे, आकाश सैनी, विशाल, राजीव, अतुल सेंगर, दीपक मुरजानी और उसकी पत्नी विनीता है. ये लोग मधु विहार, दिल्ली में ठगी के इस धंधे का आफिस चला रहे थे.
इनके कब्जे से 12 लाख 66 हजार रूपये नगद, 2660 फर्जी फर्म की सूची, 32 मोबाइल फोन, 24 कम्प्यूटर सिस्टम, 4 लैप टॉप, 3 हार्ड डिस्क, 118 फर्जी आधार कार्ड, 140 पैन कार्ड, फर्जी बिल, 03 लग्जरी कारें बरामद की गई हैं. नोएडा सेक्टर 20 थाना पुलिस ने धोखाधड़ी के मामलों में मामला दर्ज किया था.
पुलिस के अनुसार ये गैंग 2 मोड्यूल बनाकर धोखाधडी कर रहा था. पहले का काम फर्जी दस्तावेज ,फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड, रेन्ट एग्रीमेन्ट, इलेक्ट्रीसिटी बिल आदि को तैयार कर, फर्जी फर्म जीएसटी नम्बर सहित तैयार करता था और ये फर्जी फर्म दूसरे मोड्यूल को बेच देता था.दूसरा मोड्यूल फर्जी फर्म के आधार पर फर्जी बिलिंग कर जीएसटी रिफन्ड (ITC इनपुट टैक्स क्रेडिट) हासिल कर सरकार को करोडों का चूना लगा रहा था.
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