Noida Sports City Scam: सीबीआई के निशाने पर नोएडा स्पोर्ट्स सिटी प्रोजेक्ट, 9,000 करोड़ की हेराफेरी का पर्दाफाश, किन पर गिरेगी गाज?
Sports City Scam: नोएडा स्पोर्ट्स सिटी प्रोजेक्ट में हुए कथित घोटाले की जांच तेज हो गई है. सीबीआई ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश पर कई ठिकानों पर छापेमारी करते हुए तीन मामले दर्ज किए हैं.

Corruption Case: नोएडा स्पोर्ट्स सिटी प्रोजेक्ट में हुए कथित घोटाले की जांच के लिए सीबीआई (CBI) ने तीन मामले दर्ज किए हैं और दिल्ली-नोएडा सहित कई जगहों पर छापेमारी की है. ये कार्रवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद की गई. सीबीआई ने कुछ प्राइवेट कंपनियों, उनके निदेशकों और अज्ञात सरकारी अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. ये मामला 2011 से 2014 के बीच स्पोर्ट्स सिटी प्रोजेक्ट के आवंटन, विकास और स्वीकृति में अनियमितताओं से जुड़ा है.
नोएडा के सेक्टर 78, 79 और 150 में विश्वस्तरीय खेल सुविधाओं के साथ आवासीय और व्यावसायिक क्षेत्र विकसित करने के लिए स्पोर्ट्स सिटी प्रोजेक्ट शुरू किया गया था, लेकिन आरोप है कि प्रोजेक्ट आवंटन के बाद कई शर्तों का उल्लंघन किया गया और नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों की मिलीभगत से इसमें गड़बड़ियां हुई. इससे सरकार को लगभग 9,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. कैग (CAG) रिपोर्ट में भी इस घोटाले का खुलासा हुआ था, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई.
CBI की दिल्ली-नोएडा में छापेमारी, अहम सबूत बरामद
सीबीआई ने इस मामले में दिल्ली और नोएडा में कई जगहों पर छापेमारी की. इस दौरान कई अहम डॉक्यूमेंट्स, डिजिटल डेटा और अन्य सबूत बरामद किए गए हैं. एजेंसी अब इन डॉक्यूमेंट्स की जांच कर रही है और इसमें शामिल सरकारी अधिकारियों और प्राइवेट कंपनियों की भूमिका की गहन पड़ताल कर रही है.
जांच में बड़ा नाम सामने आने पर होगी कड़ी कार्रवाई
सीबीआई की ओर से बरामद डॉक्यूमेंट्स और डिजिटल सबूतों की गहराई से जांच की जाएगी. इसमें शामिल अधिकारियों और कंपनियों की संलिप्तता को ध्यान में रखते हुए संभावित गिरफ्तारियां या पूछताछ हो सकती है. साथ ही यदि कोई बड़ा नाम सामने आता है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.
नोएडा में पहले भी हो चुके हैं घोटाले
नोएडा विकास प्राधिकरण पर पहले भी बड़े घोटालों के आरोप लग चुके हैं.
- यादव सिंह घोटाला (2016): नोएडा अथॉरिटी के इंजीनियर यादव सिंह पर 1,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के भ्रष्टाचार का आरोप लगा था.
- प्लॉट आवंटन घोटाला (2019): फर्जी डॉक्यूमेंट्स के जरिए सरकारी जमीन पर कब्जे के मामले सामने आए थे.
दोषियों को सजा दिलाने के लिए CBI की जांच जारी
नोएडा के कई निवासियों और होमबायर्स ने इस घोटाले को लेकर आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है. सरकार ने भी इस मामले पर संज्ञान लेते हुए कहा है कि जो भी दोषी पाया जाएगा उसे बख्शा नहीं जाएगा. सीबीआई (CBI) को निष्पक्ष जांच के लिए पूरी छूट दी गई है ताकि दोषियों को सजा मिल सके.
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