नोएडा के सेक्टर 93 स्थित ट्विन टावर को गिराने की कवायद तो शुरू हो गई है, लेकिन इसके आस-पास अलग-अलग सोसायटियों में करीब 1500 परिवार रहते हैं. ट्विन टॉवर से मात्र 9 मीटर की दूरी पर स्थित सोसायटी है, सुपरटेक एमरल्ड सोसायटी. इस सोसायटी में करीब 650 परिवार रहते हैं और आजकल सबकी जुबान पर एक ही चर्चा है कि जब टॉवर गिराया जाएगा तो इनके घर का क्या होगा? कुछ निवासियों के जेहन में डर और बेबसी है तो कुछ निवासी ऐसे भी हैं जो पूरी तरह से आश्वस्त हैं कि RWA की देखरेख में उनके घर को कोई नुकसान नहीं होगा.


सुपरटेक एमरल्ड कोर्ट सोसायटी के रहने वाले राजेश राणा ने कहा कि हम लोगों को घर में रहने की सलाह दी गई है. हम आश्वस्त हैं सब अच्छे से होगा. 22 मई का इंतजार है. डर तो नही लग रहा है, क्योंकि खुशी ज्यादा है. तनाव है, बहुत डर नहीं है. कंपनी ने हमे आश्वस्त किया है की किसी किस्म के नुकसान की संभावना नहीं है. कल हम लोग घर के अंदर रहने वाले हैं. हमारे सारे निवासियों को डर नहीं है. हमारी बीवी को थोड़ा डर रहता है, क्योंकि वो 24 घंटे घर पर रहती हैं. हम हर दिन शाम को बैठकर प्रोग्रेस रिपोर्ट आपस में डिस्कस करते हैं.


वहीं बहुत से निवासी ऐसे भी हैं, जिनके मन में डर है और हो भी क्यूं न? ट्विन टॉवर से मात्र 9 मीटर की दूरी पर अजय मेहरा का घर है. जबसे ट्विन टॉवर को तोड़ा जा रहा है तो इसका मलबा मेहरा साहब के घर में आ कर गिर रहा है. ऐसे में मेहरा साहब का डर जायज है कि अभी हथौड़े और ड्रिल मशीन से बिल्डिंग टूट रही है तो इनके घर में मलबा गिर रहा है तो इतनी बड़ी बिल्डिंग में ब्लास्ट होगा तो क्या होगा?


वहीं सोसायटी के एक और निवासी अजय मेहरा ने कहा कि खतरा तो हम को है ही. 8 मीटर की दूरी पर है. टुकड़े गिर रहें हैं. हमे तो घर से बाहर निकलते वक्त डर रहता है. उधर से आश्वासन दे तो रहें है, लेकिन देखते हैं. वेट एंड वॉच वाली बात है. हम अपने आप को पूरी तरीके से सेफ तो नहीं मान रहे है. हमने कहा भी कि इंश्योरेंस कराइए, लेकिन अभी हुआ नहीं है. हालांकि लगता नहीं है कि 22 मई को बिल्डिंग गिराई जाएगी. सभी को कंसर्न है. पूरे टॉवर को खतरा है. सेफ्टी पूरी रहती तो खुश रहते है. मुझे नहीं लगता की पूरी सेफ्टी है. ऑप्शन नही है हमारे पास, अगर कल कुछ होता है तो कौन जिम्मेदार होगा इसका.


कुछ ऐसा ही डर एमराल्ड बिल्डिंग के 11वीं मंजिल पर रह रहे शंकर घोष का भी है. घोष को डर है कि इन्होंने और इनकी पत्नी ने अपनी 20 साल की कमाई इस घर को खरीदने में लगा दी. ऐसे में अगर ब्लास्ट के बाद कुछ अनहोनी हो जाती है तो इनकी जीवनपुंजी का क्या होगा, क्योंकि अभी तक बिल्डिंग का इंश्योरेंस भी नही हुआ है. शंकर घोष कहते हैं कि कल का ब्लास्ट को लेकर ज्यादा डर नहीं है, क्योंकि ये टेस्ट ब्लास्ट है. बहुत कम विस्फोटक कल किए जाएंगे, लेकिन मेन ब्लास्ट की बात करें. हमारा घर बेसमेंट से एकदम जुड़ा हुआ है. उन्होंने कहा कि हमारी बिल्डिंग की निर्माण क्वालिटी बहुत अच्छी नहीं है तो ऐसे में जब 100 मीटर और 97 मीटर की बिल्डिंग गिरेगी तो हमारी बिल्डिंग के पिलर पर बहुत असर पड़ेगा और बिल्डिंग की लाइफ काम हो जाएगी. 


उन्होंने ये भी कहा कि दूसरा इश्यू ये है की कोई इंश्योरेंस नहीं है. कल टेस्ट ब्लास्ट है, लेकिन अभी तक कोई इंश्योरेंस नहीं है. कल तो मैं घर पर ही रहूंगा, क्यूंकि मैं देखूंगा की कितना वाइब्रेशन आता है ब्लास्ट की वजह से. मेन ब्लास्ट के दिन 6 घंटे बाहर जाना है तो कुछ परिवार एक एक महीने के लिए दूसरी जगह पर शिफ्ट हो रहे हैं. मेरा परिवार भी शिफ्ट हो जाएगा. मेन ब्लास्ट के बाद धूल रह जाने का बहुत डर है. हमारी सोसाइटी में वरिष्ठ लोग बहुत हैं. धूल का गुबार बहुत ऊंचा जाता है और जब वो नीचे आएगा तो एक-एक इंच की धूल जम जाएगी. उन्होंने कहा कि ब्लास्ट के बाद कहीं बिल्डिंग न कमजोर पड़ जाए तो वापस आना चाहिए या नहीं आना चाहिए, ऐसे बहुत सारे सवाल हमारे मन में हैं.


हालांकि एमरल्ड कोर्ट सोसायटी के RWA प्रेसिडेंट उदय भान तेवतिया बेहद आश्वस्त हैं. इनका कहना है कि कुछ निवासियों के दिल में डर है, लेकिन जो कंपनी डिमोलिश कर रही है, उनसे हम लगातार संपर्क में है. नोएडा अथॉरिटी से भी लगातार मीटिंग होती है. ऐसे में हम बिलकुल आश्वस्त है कि सब कुछ ठीक होगा. आरडब्ल्यूए के प्रेसिडेंट उदयभान तेवतिया ने कहा कि हमने ये लड़ाई 2011 में शुरू की थी, जहां 23 फ्लैट बनने थे वहां 950 फ्लैट बने. जिसकी शिकायत हमने की, लेकिन सुनवाई नहीं हुई तो हमें अदालत का सहारा लेना पड़ा.


उन्होंने आगे कहा कि कोई शक नहीं कि हम खुश हैं, लेकिन ये भी दुख है कि इतना पैसा लगाकर बिल्डिंग बनाई गई और अब उसको तोड़ा जाना है. खुश इसलिए है कि गैरकानूनी काम जो हुआ वो अब बंद होगा. कोई शक नहीं कि निवासियों के दिल में डर है. हमें पूरा विश्वास है कि जो कंपनी डिमोलिश कर रही है वो काफी अनुभवी है. हमारे संपर्क में सभी परिवार हैं, जिनको डर है कि ब्लास्ट के वाइब्रेशन से बिल्डिंग को नुकसान होगा या धूल से नुकसान होगा. ये सारी चीजें प्राधिकरण और एडिफिस इंजीनियरिंग को बताई गई हैं, उन्होंने इंश्योरेंस की भी बात कही है. प्रदूषण से बचने के लिए सोसायटी को इवैक्वेट करना होगा, उसके लिए हमने नोएडा प्राधिकरण को कहा है. सभी परिवार अपने खर्चे पर ही बाहर रहेंगे, जब मेन ब्लास्ट होगा. 


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