Twin Towers Demolition: 9 सेकेंड में जमींदोज हुए ट्विन टावर्स, मलबा हटाने में लगेंगे तीन महीने | बड़ी बातें
Twin Towers Demolition: अवैध रूप से निर्मित इस ढांचे को ध्वस्त करने के सुप्रीम कोर्ट के 31 अगस्त, 2021 के आदेश के साल भर बाद यह कार्रवाई की गई.
Noida Twin Towers Demolition: नोएडा में स्थित सुपरटेक (Supertech) के ट्विन टावर्स को रविवार को सुरक्षित रूप से गिरा दिया गया. विस्फोट के बाद चंद सेकेंड में यह विशाल इमारत ताश के पत्तों की तरह भरभरा कर गिर गई. इमारत के नियमों के उल्लंघन पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने ट्विन टावरों को तोड़ने का आदेश दिया था. जानिए इस इमारतों के धवस्तीकरण से जुड़ी बड़ी बातें.
1. अवैध रूप से निर्मित इस ढांचे को ध्वस्त करने के सुप्रीम कोर्ट के 31 अगस्त, 2021 के आदेश के साल भर बाद यह कार्रवाई की गई. कोर्ट ने एमराल्ड कोर्ट सोसायटी परिसर के बीच इस निर्माण को नियमों का उल्लंघन बताया था. लगभग 100 मीटर ऊंचे टावर को विस्फोट कर 9 सेकेंड में धराशायी कर दिया गया. टावर गिराए जाने के कुछ मिनट बाद आसपास की इमारतें सुरक्षित नजर आईं.
2. आज सुबह इस क्षेत्र के लगभग 7,000 निवासियों को बाहर निकाला गया. आसपास के भवनों में गैस और बिजली की आपूर्ति को निलंबित कर दिया गया था. निवासियों को शाम 5.30 बजे के बाद वापस जाने की अनुमति दी गई थी. पुलिस ने निवासियों को धूल से बचाव के लिए घरों में वापस जाने पर घर के अंदर मास्क पहनने के लिए कहा है.
3. विस्फोट से कुछ घंटे पहले इलाके को खाली करा लिया गया था और यह सुनिश्चित करने के उपाय किए गए थे कि आसपास के ढांचे विस्फोट से प्रभावित न हों. ट्रैफिक डायवर्जन की योजना बनाई गई और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए दिशा-निर्देश निर्धारित किए गए. ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे पर ट्रैफिक को रोक दिया गया. दोपहर 2.15 बजे से दोपहर 2.45 बजे तक के लिए यातायात की आवाजाही को निलंबित कर दिया गया था.
4. मुंबई की कंपनी एडिफिस इंजीनियरिंग को दो टावरों को गिराने का काम सौंपा गया था. एडिफिस के सीईओ उत्कर्ष मेहता ने कहा कि इसमें कोई भी व्यक्ति इसमें चोटिल नहीं हुआ. कोई स्ट्रक्चरल डैमेज भी नहीं हुआ. ब्लास्ट काफी सफलतापूर्वक हो गया. पास में बने दोनों टावर को कोई हानि नहीं हुई है. मलबा हटाने के लिए हमें 90 दिन दिए गए हैं. हम काम पूरा कर देंगे. दोनों आरडब्लूए के साथ मिलकर काम करना है.
5. ट्विन टावर्स भारत में अब तक ध्वस्त की गई सबसे ऊंचे ढांचे थे. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से लगे नोएडा के सेक्टर 93-ए में सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट हाउसिंग सोसाइटी के भीतर 2009 से एपेक्स (32 मंजिल) और सियान (29 मंजिल) टावर निर्माणाधीन थे.
6. इमारत गिराने के लिए 3,700 किलोग्राम से अधिक विस्फोटकों का इस्तेमाल किया गया. इमारतों के खंभों में लगभग 7,000 छेदों में विस्फोटक डाले गए और 20,000 सर्किट लगाए गए. विस्फोट की योजना ऐसे बनाई गई थी कि टावर सीधे नीचे गिरें. इसे 'वाटरफॉल तकनीक' कहा जाता है.
7. उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने कहा कि धवस्तीकरण के बाद अब आगे जांच की प्रक्रिया शुरू की जाएगी और जो भी अधिकारी व कर्मचारी इसमें लिप्त पाए जाएंगे उन पर कार्रवाई भी की जाएगी. उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव के समय में बने ट्विन टावर को उच्चतम न्यायालय के आदेश पर ध्वस्त कर दिया गया है और इससे हमारी सरकार ने ये भी स्पष्ट कर दिया है कि जो भी इस तरह के किसी भी कार्य में लिप्त रहेगा उस पर कार्रवाई की जाएगी. अथॉरिटी के जो भी लोग शामिल थे उन पर भी कार्रवाई की जाएगी.
8. नोएडा प्राधिकरण द्वारा पहले से ही सुरक्षित ध्वस्तीकरण की तैयारी की गयी थी. ध्वस्तीकरण के बाद प्रभावित सड़कों व आस-पास की सोसायटीज में लगभग 100 वाटर टैंकर, 22 एन्टी स्मॉग गन, 6 स्वीपिंग मशीन 20 ट्रैक्टर-ट्रॉली और हेल्थ विभाग एवं उद्यान विभाग के लगभग 500 कर्मचारियों को तैनात किया गया था.
9. सड़कों पर जमी धूल को साफ करने के लिए प्राधिकरण द्वारा टैंकर्स का प्रयोग किया गया. स्वीपिंग मशीन का प्रयोग करके भी सड़कों को साफ किया गया. ध्वस्तीकरण के बाद स्मॉग गन वाटर स्प्रिंकलर से छिड़काव किया गया. ऑपरेशन से जुड़े अधिकारियों ने पहले कहा था कि लगभग 55,000 टन मलबा उत्पन्न होगा. मलबा हटाने में तीन महीने का समय लग सकता है. कचरे को निर्धारित स्थानों पर डंप किया जाएगा.
10. ध्वस्तीकरण के बाद एक्सप्रेस-वे को शुरू कर दिया गया. ट्विन टावर्स (Twin Towers) के नजदीक स्थित इम्राल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज में भी सफाई का कार्य किया गया. यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा स्थल के पास 6 स्थानों पर वायु गुणवत्ता यंत्र लगाये गये, जिससे प्राधिकरण द्वारा समय-समय पर ध्वस्तीकरण से पूर्व और बाद की वायु गुणवत्ता की जानकारी प्राप्त की जाएगी.
ये भी पढ़ें-