Noida Twin Tower Demolition: नोएडा में रविवार को दोपहर 2.30 बजे के करीब सुपरटेक के ट्विन टावर ( Noida Twin Tower) को ढहा दिया गया. टावर को गिराने वाली एडिफिस कंपनी (Edifice Company) के ब्लास्टर चेतन दत्ता ने बताया कि 'डिमोलिशन100% सफल रहा. 9-10 सेकेंड में टावर गिर गया. जैसा हमने सोचा था बिल्कुल वैसे ही परिणाम आए. हम 5 लोग टावर से बस 70 मीटर की दूरी पर थे. आधे घंटे पहले से हम 5 लोग आपस में बात नहीं कर पा रहे थे बस एक दूसरे के चेहरे देख रहे थे.' बता दें कि मुंबई की एडिफिस इंजीनियरिंग को 28 अगस्त को ट्विन टावर को गिराने का काम सौंपा गया था.
एडिफिस कंपनी ने इस जोखिम भरे काम के लिए दक्षिण अफ्रीका की जेट डिमॉलिशन्स के साथ एक करार किया था. एडिफिस इंजीनियरिंग और जेट डिमॉलिशन्स ने इससे पहले 2020 में कोच्चि (केरल) स्थित मराडू कॉम्प्लेक्स को ढहाया था, जिसमें 18 से 20 मंजिलों वाले चार आवासीय भवन थे. साल 2019 में जेट डिमॉलिशन्स ने दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में बैंक ऑफ लिस्बन की 108 मीटर ऊंची इमारत को ढहाया था, जिसके आठ मीटर के दायरे में कई भवन थे. सुप्रीम कोर्ट द्वारा केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (CBRI) को परियोजना के लिए तकनीकी विशेषज्ञ के रूप में नियुक्त किया गया था.
वहीं नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्नरी ने कहा कि सारा मलबा साइट के अंदर ही है. थोड़ा मलबा रोड पर आया है. साइट का निरिक्षण किया जा रहा है. धूल तुरंत हट गई थी. थोड़ी देर में सफाई का काम शुरू होगा. गैस और बिजली की सप्लाई दोबारा शुरू करा कर लोगों को 6.30 बजे के बाद अपने घरों में आने की इजाजत होगी. अपर मुख्य सचिव(गृह) अवनीश अवस्थी ने बताया, 'इन अवैध ट्विन टावरों को सुप्रीम कोर्ट द्वारा सख्त कार्रवाई में ध्वस्त करने का आदेश दिया गया था. यह एक संदेश देगा कि राज्य में अवैध काम बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.'
अवनीश अवस्थी ने आगे कहा कि ट्विन टावर को तय समय के तहत गिराया गया है. सीपी नोएडा, सीईओ नोएडा, डीएम की टीम लगातार तैनात है. AQI लेवल में ज्यादा प्रवाभ नहीं हुआ है. आगे कहीं भी गैर कानूनी इमारतों पर राज्य सरकार इसी प्रकार से काम करेगी.
यह भी पढ़ें-