Noida Twin Towers Demolition: नोएडा में रविवार को दोपहर कई लोग ट्विन टावर को गिरते देखने के लिए पहुंचे. इस दौरान लोगों ने अवैध रूप से निर्मित इन टावर के खिलाफ की गई कार्रवाई को सही ठहराते हुए इस कदम की प्रशंसा की. कुछ लोगों ने कहा कि यह कार्रवाई मैसेज देता है कि देश में भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, वहीं अन्य लोगों ने कहा कि यह कार्रवाई जरूरी थी. इन इमारतों को विस्फोट कर ध्वस्त किये जाने से पहले ट्विन टावर के चारों ओर 500 मीटर के दायरे को ''निषिद्ध क्षेत्र'' घोषित कर दिया गया, जहां आम लोगों को जाने की अनुमति नहीं थी. इलाके में भारी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किये गये थे.
नोएडा और आसपास के शहरों के लोग इस कार्रवाई को देखने के लिए जेपी फ्लाईओवर मैदान के पास जमा हुए. कई लोग दोपहर ढाई बजे ट्विन टावर को ध्वस्त किये जाने से कुछ घंटे पहले एक ऐसी जगह ढूंढते नजर आए, जहां से ढांचों को ढहाए जाने के दृश्य बिल्कुल साफ नजर आए. पुरुषोत्तम मिश्रा (42) नामक व्यक्ति ने कहा, ''ऐसा लगा कि जैसे भ्रष्टाचार की इमारतें जमींदोज हो गईं हों.'' आगे पुरुषोत्तम ने बताया कि यह अद्भुत था. हम यह देखने के लिए दो घंटे से इंतजार कर रहे थे. यह रसूखदार लोगों को एक कड़ा संदेश देगा. पुरुषोत्तम मिश्रा ने कहा, ''टावर ताश के पत्तों की तरह बिखर गया. कितनी जल्दी यह सब हो गया.'' दिल्ली के उत्तम नगर से आए आशीष सुमन ने कहा, ''यह इसी का हकदार था. यह कई दिनों तक खबरों में रहा. आखिरकार अब यह सब खत्म हो गया. इससे सभी को एक कड़ा संदेश मिला है कि भारत में करप्शन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.''
ट्विन टावर को गिराने के लिए क्या तैयारी की गई थी?
आपको बता दें कि इमारत गिराने के लिए 3,700 किलोग्राम से अधिक विस्फोटकों का इस्तेमाल किया गया. ट्विन टावर में 40 मंजिलें और 21 दुकानों समेत 915 आवासीय अपार्टमेंट प्रस्तावित किए गए थे. दोनों टावर को गिराए जाने से पहले इनके पास स्थित दो सोसाइटी एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज के करीब 5,000 लोगों को वहां से हटा दिया गया. इसके अलावा, करीब 3,000 वाहनों और बिल्ली और कुत्तों समेत 150-200 पालतू जानवरों को भी हटाया गया. अनुमान के मुताबिक, ट्विन टावर को गिराने के बाद इसके 55 से 80 हजार टन मलबा हटाने में करीब तीन महीने का समय लगेगा.
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