Noida Twin Towers Demolition: नोएडा (Noida) स्थित सुपरटेक ट्विन टावर (Supertech Twin Towers) को रविवार दोपहर धराशायी किए जाने के बाद 80,000 टन मलबे और धूल के विशाल गुबार के कारण सेक्टर-93 ए से सटे इलाकों में हवा की गुणवत्ता में खास बदलाव दर्ज नहीं किया गया. नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) के अनुसार, विस्फोट के पहले और बाद में 20 निगरानी केंद्रों के माध्यम से वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) और पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) 10 के स्तर की बारीकी से निगरानी की गई.


प्राधिकरण ने एक ट्वीट में कहा कि आंकड़ों से स्पष्ट है कि टावर के धराशायी होने के बाद भी, एक्यूआई और पीएम 10 का स्तर अनुमानित सीमा के भीतर रहा है.'' विस्फोट से पूर्व दोपहर दो बजे सेक्टर-91, 125, 62, एक और 116 में एक्यूआई क्रमश: 57, 122, 108, 119 और 121 दर्ज किया गया. टावर के ध्वस्त हो जाने के बाद दोपहर तीन बजे सेक्टर-91, 125, 62, एक और 116 में एक्यूआई क्रमश: 57, 122, 109, 120 और 123 पर रहा.


विस्फोट के बाद क्या रही इलाके की एयर क्वॉलिटी?
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक, रात आठ बजे, सेक्टर-91 में एक्यूआई मामूली रूप से बढ़कर 67, सेक्टर-125 में 127, सेक्टर-62 में 114, सेक्टर-एक में-129 और सेक्टर-116 में 131 दर्ज किया गया. सुपरटेक ट्विन टावरों को जमीदोज़ किए जाने के बाद, चिकित्सकों ने उसके आसपास रह रहे और सांस की बीमारी से जूझ रहे लोगों को अधिक सतर्क रहने और संभव हो तो कुछ दिन इलाके से दूर रहने की सलाह दी है.


प्रदूषण से मरीजों को क्या परेशानी हो सकती है?
चिकित्सकों का कहना है कि अधिकतर धूल कण का आकार पांच माइक्रोन या इससे कम है जो अनुकूल मौसमी परिस्थतियों जैसे तेज हवाओं और बारिश न होने पर कुछ दिन वातावरण में ही रह सकते हैं.उन्होंने कहा कि धूलकण से हुए भारी प्रदूषण की वजह से आंखों, नाक और त्वचा में खुजली, खांसी, छींक, सांस लेने में परेशानी, फेफड़ों में संक्रमण, नाक बंद होने, दमा और दिल की बीमारी की शिकायत हो सकती है.


Twin Towers Demolition: 'ताश के पत्तों जैसे बिखर गया ट्विन टावर', लोगों ने कहा-यह इसी का हकदार था


 Congress President Election: 'राहुल गांधी को ही कांग्रेस का नेतृत्व करना चाहिए', मल्लिकार्जुन खड़गे का बड़ा बयान