Noida Twin Towers Demolition: नोएडा में 28 अगस्त को ट्विन टावर (Twin Tower) को ध्वस्त किया जाएगा. इसके लिए सारी तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं. दोनों टावर में बारूद लगाने का काम भी पूरा हो गया है. आज नोएडा पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह ने ट्विन टावर साइट का निरीक्षण करने के दौरान यह बताया.  इस दौरान कमिश्नर आलोक सिंह (Commissioner Alok Singh)  के साथ ज्वाइंट कमिश्नर लव कुमार और सेंट्रल नोएडा के डीसीपी राजेश एस (DCP) भी थे. इस दौरान नोएडा पुलिस के आला अधिकारियों के साथ एडिफिस इंजीनियरिंग के भी अधिकारी मौजूद रहे. 


साथ ही कमिश्नर आलोक सिंह ने कहा कि मैंने यहां एक्सपर्ट से बात करके जानकारी ली कि 28 अगस्त को बिल्डिंग गिरेगी तो क्या-क्या संभावनाएं हो सकती है, हवा की दिशा किस ओर रहेगी और सेफ्टी को लेकर क्या कदम उठाए जाएंगे इसके बारे में चर्चा हुई है. मॉक ड्रिल लगातार हो रही और ट्रैफिक डायवर्सन की भी तैयारी हो गई है. आसपास के 40 टावर में रहने वाले लोगों को यहां से ले जाकर जो थोड़ी सुरक्षित दूरी पर रहेंगे. आसपास की सोसायटी से लगभग 3000 गाड़ियां बाहर निकाली जाएगी और 250 मीटर तथा कुछ जगह पर इससे भी ज्यादा दूरी का आइसोलेशन जोन रहेगा. ब्लास्ट वाले दिन यहां पर एक इंसीडेंट कमांडेंट होंगे जो कि डीसीपी (DCP) लेवल के अधिकारी हैं. 


ट्विन टावर गिरने में कितना समय लगेगा?
एडिफिस के पार्टनर उत्कर्ष मेहता ने एबीपी न्यूज को बताया कि हमने 250 मीटर और कहीं- कहीं इससे भी ज्यादा दूरी का एक्सक्लूजन जोन बनाया है. इसके अंदर सिर्फ 6 लोग रहेंगे. वो भी ट्विन टावर से 100 मीटर की दूरी पर रहेंगे. एक पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी, 3 ब्लास्टर्स और 2 प्रोजेक्ट मैनेजर्स होंगे. इन 6 लोगों के अलावा कोई भी इंसान या जानवर इस एक्सक्लूजन जोन में नहीं रहेगा. आसपास की बिल्डिंग की सुरक्षा के सवाल पर मेहता ने कहा, 'सुरक्षा का कोई खतरा नहीं है. हमने ऐसा पहले भी किया है. इसके अलावा चाहे नोएडा पुलिस हो या नोएडा अथॉरिटी, या फायर ब्रिगेड, सबकी तरफ से पूरी तैयारी कर ली गई है. कुछ भी छूटा नहीं है. हमारी पूरी कोशिश है कि शाम 5 बजे तक सभी निवासी अपने घर में वापस चले जाएं.'


एडिफिस के पार्टनर उत्कर्ष मेहता ने बताया कि यह बिल्कुल पक्का है कि 28 को को 2.30 बजे यह दोनों बिल्डिंग गिरा दी जाएगी. आज हमने नोएडा पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह के साथ साइट का टूर किया था और सेफ्टी प्लान को लेकर चर्चा हुई. जिस दिशा में हमें यह बिल्डिंग गिरानी है उसी हिसाब से हमने विस्फोटक लगाएं. सियान के 60% बारूद फट चुके होंगे तब जाकर एपेक्स का पहला बारूद फटेगा. सियान टावर पहले गिरेगा उसके कुछ सेकेंड बाद एपेक्स टावर गिरता दिखेगा. ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि जो वाइब्रेशन को कम किया जा सके.करीब 17 मिली सेकंड से लेकर 200 मिली सेकंड के अंतर पर ब्लास्ट होंगे. बारूद नीचे से ऊपर की तरफ फटेगा और बिल्डिंग जाहिर तौर पर ऊपर से नीचे जाएगी. सभी बारूद को फटने में 9 सेकंड लगेंगे और बिल्डिंग नीचे गिरने में चार सेकंड लगेंगे. कुल मिलाकर  12 से 13 सेकंड में यह बिल्डिंग पूरी नीचे गिर जाएगी. 40 ग्राम से लेकर 160 ग्राम तक बारूद छेद में रखे गए. किसी कॉलर में चार छेद किए गए हैं किसी कॉलम में पांच छेद किए . छेद की संख्या कॉलम की ताकत पर निर्भर करता और इसकी लंबाई और मोटाई पर भी निर्भर करता है. एपेक्स टावर के हर फ्लोर पर 170 कॉलम और सियान टावर में 60 कॉलम है.


प्राइमरी ब्लास्ट और सेकेंडरी ब्लास्ट का मतलब
प्राइमरी ब्लास्ट और सेकेंडरी ब्लास्ट की बिल्डिंग की लंबाई और  मजबूती से तय होता है. प्राइमरी ब्लास्ट का मतलब उस फ्लोर पर हर कॉलम में विस्फोटक लगाया गया है सेकेंडरी ब्लास्ट का मतलब उस फ्लोर के 60% कॉलम में बारूद भरा गया है. ऐसा इसलिए क्योंकि 40 फीसदी कॉलम हमें चाहिए कि वो अपनी जगह पर खड़े रहे कि जब बचे हुए कॉलम में ब्लास्ट हो तो हमें बिल्डिंग को गिराने की दिशा मिले जिस दिशा में हम गिराना चाहते. एमराल्ड कोर्ट के एस्टर 2 टावर की तरफ के कॉलम में हम ब्लास्ट नहीं कर रहे ताकि वह कॉलम बिल्डिंग को पकड़ के रखे और बिल्डिंग उस तरफ से ना गिरे. जो फ्रंट की कॉलम में हम ब्लास्ट करेंगे ताकि बिल्डिंग उस सड़क की तरफ गिरे. बैसमेंट 2 में हम कोई भी ब्लास्ट नहीं कर रहे क्योंकि वह सबसे नीचे का फ्लोर है. B2 फ्लोर बिल्डिंग के भार से अपने आप ही डैमेज हो जाएगा. बैसमेंट 1, ग्राउंड, पहली और दूसरी मंजिल यानी यह चारों फ्लोर पर प्राइमरी ब्लास्ट होंगे.  बिल्डिंग में जो भी फ्लोर पूरी तरीके से कपड़े से ढके हुए वह प्राइमरी ब्लास्ट होंगे और जिन फ्लोर पर आधे कपड़े है, उन पर सेकेंडरी ब्लास्ट होगा. धूल का गुबार छंटने में लगभग 10 मिनट का वक्त लगेगा.  हालांकि उस दिन हवा की दिशा और रफ्तार पर यह निर्भर करेगा.


गिरने के बाद क्या होगा?
बिल्डिंग गिरने के बाद हम वाइब्रेशन देखेंगे और 32वीं मंजिल पर एक मशीन रखेंगे जिससे पता लगेगा कि कितने सेकेंड में यह टावर नीचे आया है. जब ब्लास्ट होगा उस वक्त एक्सप्रेशन जॉन की अंदर से छह लोग रहेंगे उनमें 3 ब्लास्टर एक पुलिस ऑफिस और दो प्रोजेक्ट मेनेजर. यह टीम टावर से तकरीबन 100 मीटर की दूरी पर रहेगी. इसकी अलावा मैं भी एक्सक्लूजन जोन में नहीं रहूंगा. धूल हटने के बाद छह लोगों की टीम जाएगी और पहला निरीक्षण करेगी जिसमें देखा जाएगा कि कोई लाइव बम तो नहीं है, किसी बिल्डिंग में दरार तो नहीं है. उसके बाद ही हमें और CBRI की टीम अंदर जा सकेगी.  CBRI के देखने के बाद ही लोगों को अपने घर में जाने की इजाजत दी जाएगी. इसमें 35000 टन मलबा इकट्ठा होगा और इसे हटाने में तकरीबन 3 महीना लगेगा और इसे कहां लेकर जाया मलबा कहा जाएगा इसको लेकर लेकर योजना बन रही है, कुछ दिनों में तय हो जाएगा. 


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