श्रीनगर: उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा में बड़ी संख्या में आये प्रवासी मजदूर और छोटे कारोबारी अभी भी अपने आप को महफूज़ महसूस कर रहे है. कुपवाड़ा के हंदवारा इलाके में कई सालों से काम कर रहे यह मजदूर हर साल यहां आते है और सर्दिया शुरू होने पर लौट जाते हैं. लेकिन इस बार कश्मीर घाटी में प्रवासी मजदूरों पर होने वाले हमलों के बावजूद भी इनको कोई डर नहीं है. और यह लोग बिना डर के अपना काम कर रहे हैं. 


पंजाब से आए आकाश हंदवारा में गरम कंबल और कपड़े बेचते हैं और बिना किसी डर के अपना काम आज भी कर रहे हैं. आकाश के अनुसार कुछ घटनाएए श्रीनगर और अन्य इलाकों में ज़रूर हुयी हैं लेकिन इस सरहदी इलाके में ऐसा कोई भी डर नहीं. 


वही दीवान नाम के व्यक्ति के अनुसार वह आज भी हंदवारा की सडकों पर बिना किसी डर के अपना काम कर रहा है. दीवान प्लास्टिक की बोतल और अन्य सामान इकठा करने का काम करता है.


वहीं महिलाओं के कपड़े बेचने वाली आशा देवी के अनुसार उनको डर नहीं है और ना ही कोई उनको सता रहा है. उनका कहना है कि भले ही कुछ लोग डर के मारे चले गए हो लेकिन उनको अभी तक कोई भी डर महसूस नहीं हुआ. उल्टा लोग उनकी मदद ही कर रहे है.


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