भारत में मांसाहारी और शाकाहारी लोगों को लेकर बहस चलती रही है. पिछले दिनों नवरात्र में नॉनवेज का सेवन करने को लेकर काफी ज्यादा बवाल हुआ था और कुछ संगठनों का कहना था कि इस दौरान मांस की बिक्री और उसके सेवन पर रोक लगाई जानी चाहिए. साथ ही कुछ खास समुदायों पर नॉनवेज को लेकर आरोप भी लगाए गए. लेकिन अगर आंकड़ों को देखा जाए तो सच्चाई कुछ और ही नजर आती है. हाल में राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के आंकड़ों में बताया गया कि, देश के 16 राज्यों में लगभग 90 प्रतिशत लोग मीट मछली या चिकन खाते हैं.


आज हम आपको मांसाहार के सेवन को लेकर कुछ आंकड़े बताने जा रहे हैं. जिसमें भारत के लगभग हर समुदाय के आंकड़ों को देखेंगे कि कौन कितने शाकाहारी हैं और कितना मांस का सेवन करते हैं. 


16 राज्यो में 90% लोग मांसाहारी
पहले सरकार के आंकड़ों की बात करें तो राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे में बताया गया है कि, 16 राज्यों में लगभग 90 प्रतिशत लोग मीट मछली या चिकन खाते हैं. वहीं चार राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों में यह आंकड़ा 75-90 प्रतिशत तक है. सर्वे के मुताबिक पांच राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों में 50 से 75 प्रतिशत लोग नॉनवेज खाते हैं. राज्यों की अगर बात करें तो पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा 98.7 फीसदी लोग मांसाहारी हैं. वहीं इसके बाद तमिलनाडु में 97.8%, असम में 78.6%, दिल्ली में 63.2%, उत्तर प्रदेश में 55% और राजस्थान में 26.8% लोग मांसाहारी हैं. 


सर्वे में सामने आए चौंकाने वाले आंकड़े
अब अगर वेज और नॉनवेज खाने को लेकर अलग-अलग समुदायों के आंकड़ों पर नजर डालें तो ये देखने को मिलता है कि जैन समुदाय को छोड़कर बाकी सभी धर्मों के ज्यादातर लोग नॉनवेज खाना पसंद करते हैं. प्यू रिसर्च इंस्टीट्यूट ने इसे लेकर एक सर्वे किया था. जिसमें बताया गया कि किस धर्म के लोग कितना नॉनवेज खाते हैं. इस सर्वे के नतीजो में बताया गया था कि, करीब 92 फीसदी जैन समुदाय के लोगों ने ये माना कि वो नॉनवेज नहीं खाते हैं और पूरी तरह वेजिटेरियन हैं. वहीं सिर्फ 8 फीसदी मुस्लिम ऐसे थे, जिन्होंने कहा कि वो नॉनवेज नहीं खाते हैं. क्रिश्चियन समुदाय की बात करें तो इस कम्युनिटी के 10 फीसदी लोग ही वेजिटेरियन हैं. सर्वे के मुताबिक हिंदू समुदाय में शामिल अलग-अलग जातियों के लोगों में 44 फीसदी लोग शाकाहारी हैं और बाकी के 56 फीसदी नॉनवेजिटेरियन की कैटेगरी में आते हैं. 


कई मौकों पर नॉनवेज से परहेज करते हैं लोग
प्यू रिसर्च के इसी सर्वे में ये भी बताया गया है कि कितने प्रतिशत लोग ऐसे हैं जो नॉनवेजिटेरियन तो हैं, लेकिन कई मौकों पर नॉनवेज खाने से बचते हैं. सर्वे के मुताबिक 67 फीसदी मुस्लिम और 66 फीसदी क्रिश्चियन लोग कुछ कारणों से नॉनवेज का सेवन करने से बचते हैं. हालांकि ये किसी खास दिन या फिर कारण से होता है. हिंदुओं में 44 फीसदी वेजिटेरियंस को छोड़कर बाकी 39 फीसदी लोग ऐसे हैं जो कई मौकों पर नॉनवेज खाने से परहेज करते हैं या फिर बिल्कुल नहीं खाते हैं. इनमें कई खास दिन और त्योहार शामिल हैं. 


मांस को लेकर भी अलग-अलग मान्यता
इस सर्वे में बताया गया है कि अलग-अलग धर्म के लोग मांस को लेकर भी अलग सोच रखते हैं. जैसे हिंदू समुदाय के ज्यादातर लोग बीफ को अपने नॉनवेज खाने में शामिल करना पसंद नहीं करते हैं, प्यू रिसर्च के सर्वे में बताया गया है कि 72 फीसदी ऐसे हिंदू हैं जो ये मानते हैं कि अगर कोई बीफ का सेवन करता है तो वो हिंदू नहीं हो सकता है. वहीं 77 फीसदी मुस्लिम मानते हैं कि सुअर का मीट खाने वाले मुस्लिम नहीं हो सकते हैं. बीफ खाने को लेकर जैसे हिंदुओं की मान्यता है, वैसे ही सिख, जैन और बौद्ध धर्म के लोग भी सोचते हैं. 


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